Beneficiaries are not taking interest in depositing premium amount despite allotment of houses
रायगढ़। नगर निगम के द्वारा मोर मकान मोर आस योजना के तहत किराए के मकानों में रहने वाले लोगों को आबंटित आवास विवादों में है। जानकर हैरत होगी कि निगम ने जिन हितग्राहियों को आवास आबंटित किया है वे आबंटन के बावजूद प्रीमियम राशि जमा करने में दिलचस्पी ही नहीं ले रहे हैं। निगम द्वारा आबंटित 671 मकानों में महज 81 हितग्राहियों ने प्रीमियम की पहली किश्त जमा की है। ऐसे में आवासों का आवंटन फिर से खटाई में पड़ गया है।
1 हजार आवासों का निर्माण हुआ था
इधऱ भाजपा शहर सरकार पर मकानों की अधिक राशि वसूलने का आरोप लगा रही है। भाजपा का कहना है कि हितग्राहियों को कई गुना अधिक राशि का नोटिस थमाया जा रहा है, जिसकी वजह से गरीब हितग्राही योजना से दूरी बना रहे हैं। दरअसल, रायगढ़ शहर में पूर्ववर्ती सरकार ने झुग्गी झोपडी वासियों के लिए 1 हजार आवासों का निर्माण किया था। चार सालों के बाद भी इन आवासों का आबंटन नहीं हो पाया। ऐसे मे नगर निगम ने नियम को शिथिल करते हुए इन मकानों को किराए के मकानों में रहने वाले लोगों को साढ़े तीन लाख रुपए में आबंटित करने की योजना बनाई। लोगों से आवेदन भी जमा कराए गए। लाटरी के जरिए 671 लोगों को मकान आवंटित किये गए, लेकिन आबंटन के बाद अधिकांश हितग्राहियों ने प्रीमियम की राशि ही जमा नहीं की।
बेजा कब्जाधारियों के कब्जे में आवास
आलम ये है कि आवास पूर्व की तरह बेजा कब्जाधारियों के कब्जे में है। इधर भाजपा का आरोप है कि निगम केंद्र से मिले अनुदान से बने मकानों को अधिक कीमत पर बेच रहा है। जो मकान 70 हजार में आबंटित होने थे उसके लिए साढे तीन लाख वसूले जा रहे हैं। राशि अधिक होने की वजह से गरीब परिवार योजना से दूरी बना रहे हैं। इधऱ मामले में मेयर का कहना है कि आवासों के आबंटन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक 80 आवेदकों ने प्रीमियम जमा किया है। हितग्राहियों को किश्तों में राशि जमा की सुविधा दी जा रही है। बैंक से फाइनेंस भी किया जा रहा है। ऐसे में आवासो का आबंटन जल्द पूरा हो जाएगा।