Raigarh News: महाजेनको की कोल परियोजना शुरू करवाने, रोजगार और मुआवज़े की मांग को लेकर प्रभावित ग्रामीण पहुंचे रायगढ़; कलेक्टर और एसपी को सौंपा ज्ञापन

Raigarh News: ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि इस परियोजना के शुरू न होने से वे रोजगार और मुआवज़े के लंबे इंतज़ार में हैं, और उनका जीवन ठहराव की स्थिति में है इसलिए खदान का संचालन शीघ्र शुरू किया जाए।

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  • Publish Date - August 7, 2025 / 03:59 PM IST,
    Updated On - August 7, 2025 / 04:03 PM IST

Raigarh News, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • सर्वे हुआ, अधिग्रहण और मुआवज़ा नहीं
  • बाहरी हस्तक्षेप से बढ़ रही परेशानी
  • “सपनों को मत तोड़ो” – ग्रामीणों की अपील

रायगढ़: Raigarh News, महाराष्ट्र स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) को आवंटित गारे-पेलमा सेक्टर-II कोयला खदान के शीघ्र संचालन की मांग को लेकर रायगढ़ जिले के तामनार ब्लॉक के कई गांवों से सैकड़ों प्रभावित ग्रामीण 6 अगस्त को जिला मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर और एसपी रायगढ़ से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा और परियोजना में हो रही देरी पर गहरी चिंता जताई। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि इस परियोजना के शुरू न होने से वे रोजगार और मुआवज़े के लंबे इंतज़ार में हैं, और उनका जीवन ठहराव की स्थिति में है इसलिए खदान का संचालन शीघ्र शुरू किया जाए।

सर्वे हुआ, अधिग्रहण और मुआवज़ा नहीं

ढोलनारा, सरायटोला, भालूमाड़ा, कुंजीमुरा, मुड़ागांव, चितवाही, डोलेसरा और पाता जैसे गांवों के ग्रामीण वर्षों से इस उम्मीद में हैं कि महाजनको की इस कोल परियोजना से उन्हें स्थायी आय और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। हालांकि, अब तक न तो उनकी ज़मीन अधिग्रहित की गई है और न ही मुआवज़े की प्रक्रिया शुरू हुई है। केवल सर्वे कार्य किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना की घोषणा ने उन्हें आशा दी थी कि उन्हें रोजगार और मुआवज़ा मिलेगा, लेकिन वर्षों बाद भी वे उसी मोड़ पर खड़े हैं।

ज्ञापन में ग्रामीणों की प्रमुख मांगें

Raigarh News, ग्रामीणों ने ज्ञापन में मांग की कि खदान का संचालन शीघ्र शुरू किया जाए ताकि अधिग्रहण, मुआवज़ा और पुनर्वास की प्रक्रिया आगे बढ़ सके। उन्होंने स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता से महाजनको में नौकरी देने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था, महिलाओं के लिए सशक्तिकरण योजनाएं, बुनियादी सुविधाएं और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी मांग रखी।

कलेक्टर के साथ हुई चर्चा के मुख्य बिंदु

बैठक के दौरान ढोलनारा और डोलेसरा के ग्रामीणों ने शीघ्र मुआवज़े की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि एक ही परियोजना के अंतर्गत सभी प्रभावितों को समान मुआवज़ा मिलना चाहिए। इस पर कलेक्टर ने कहा कि मुआवज़ा वितरण प्रचलित कानूनों के अनुसार ही किया जाएगा।

स्थानीय रोजगार के मुद्दे पर ग्रामीणों ने महाजेनको की मुख्य भूमिका सुनिश्चित करने की मांग रखी, जिस पर कलेक्टर ने सलाह दी कि ग्रामीण अपनी योग्यता के अनुसार आवेदन करें और वे संबंधित विभाग से समन्वय करेंगे। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हॉस्पिटल निर्माण की भी मांग की गई।

बाहरी हस्तक्षेप से बढ़ रही परेशानी

ग्रामीणों का मानना है कि कुछ बाहरी राजनीतिक तत्व और गैर-सरकारी संगठन जानबूझकर भ्रम फैलाकर परियोजना को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसका सीधा असर स्थानीय समुदाय की आजीविका और विकास की संभावनाओं पर पड़ रहा है।

“सपनों को मत तोड़ो” – ग्रामीणों की अपील

ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि जब परियोजना घोषित हो चुकी है और सर्वे हो चुका है, तो अब देरी नहीं होनी चाहिए। वे चाहते हैं कि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शिता से हो, समयबद्ध मुआवज़ा मिले और रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं।

गौरतलब है कि बीते 6 अगस्त 2025 को प्रभावित गांवों — पाता, डोलेसरा, चितवाही, मुड़ागांव, कुंजीमुरा, सरायटोला और भालूमाड़ा इत्यादि गांवों के सैकड़ों ग्रामीण रायगढ़ कलेक्टर और एसपी से मिले। उन्होंने खदान संचालन, मुआवज़ा, रोजगार, स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधा और बुनियादी विकास की मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।

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