Raipur Police Commissionerate News: रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का खाका तैयार, इस राज्य से लिए गए 60% नियम, उच्चस्तरीय कमेटी ने DGP को सौंपी रिपोर्ट
रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का खाका तैयार, Raipur Police Commissionerate News: Blueprint of Police Commissioner system ready in Raipur
- रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का प्रारूप तैयार, 60% नियम ओडिशा मॉडल से लिए गए
- एसआईबी बिल्डिंग को आयुक्त कार्यालय के लिए संभावित स्थान के रूप में देखा जा रहा है
- सीएएफ के करीब 350 जवानों को डीएएफ में अस्थायी तैनाती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा
रायपुरः Raipur Police Commissionerate News: राज्य में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का खाका तैयार कर लिया गया है। एडीजी प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में बनी उच्चस्तरीय कमेटी ने कमिश्नरी प्रणाली का प्रारूप तैयार कर डीजीपी अरूणदेव गौतम को सौंपा दिया है। इसके बाद अब डीजीपी विधि विभाग के अफसरो के साथ अध्ययन के बाद राज्य सरकार को सौंपेगे।
DGP की ओर से बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी ने महाराष्ट्र, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, ओडिशा, राजस्थान और मध्यप्रदेश में लागू कमिश्नरी मॉडल का अध्ययन किया, जिसके बाद ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर की कमिश्नरी व्यवस्था को सबसे बेहतर मानते हुए करीब 60 फीसदी नियमों को यहां लागू करने का निर्णय लिया गया है, बाकी 40 फीसदी कमिश्नरी प्रणाली अन्य राज्यों में लागू सिस्टम को शामिल किया गया है। नई प्रणाली लागू करने राज्य सरकार की स्वीकृति मिलना बाकी है। औपचारिताओं को पूरा करने के लिए विभागीय स्तर पर तैयारी चल रही है।
Raipur Police Commissionerate News: सूत्रों के मुताबिक सेटअप और संसाधन के लिए वित्त विभाग की मंजूरी केवल खानापूर्ति ही शेष रह गई है। आयुक्त कार्यालय के लिए विभागीय अफसरों ने पुराना पीएचक्यू में एसआईबी बिल्डिंग को फाइनल करने की चर्चा जोरों पर है, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। इसके अलावा पुलिस बल की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ में एक बड़ा नया प्रयोग होने जा रहा है, जिसके तहत सीएएफ के करीब साढ़े 300 जवानो को प्रशिक्षण के बाद डीएएफ में अस्थायी तौर पर लेने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक साल 2010 के बाद सीएएफ में भर्ती हुए जवानों को डीएएफ में लिया जायेगा। छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स के जवानों की तैनाती अब तक नक्सल मोर्चे के साथ-साथ नेता, मंत्रियों की सुरक्षा में की जाती है। पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने वे बाद तत्काल बल की व्यवस्था करना संभव नहीं है। साथ ही दूसरे जिलों के बल को अफसर समायोजित नहीं करना चाहते। फिलहाल अब देखने वाली बात ये होगी की सारा खाका तैयार होने के बाद कमिश्नर प्रणाली कब तक लागू होती है?

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