Chhattisgarhi Millets: बस्तरिया मिलेट का क्रेज, G20 में आई फर्स्ट लेडी को भाया छत्तीसगढ़ी पकवान…
Australia's First Lady liked Chhattisgarh millet किसान पुत्र भूपेश बघेल ने किसानों के हित में जो निर्णय लिया वो काबिले तारीफ है।
Australia's First Lady liked Chhattisgarh millet
Australia’s First Lady liked Chhattisgarh millet: रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य की बात करें तो किसान पुत्र भूपेश बघेल ने किसानों के हित में जो निर्णय लिया वो काबिले तारीफ है। जैसा कि आप सभी जानते हैं छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का धान यानी (चावल) का कटोरा भी कहा जाता है। प्रदेश में धान के अलावा, अनाज जैसे मक्का, कोदो-कुटकी और अन्य छोटे बाजरा, दलिया जैसे तुअर, कुल्थी, तिलहन जैसे मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी भी उगाए जाते हैं तो वहीं अब भूपेश सरकार की पहल से किसानों को नई सौगात मिली है।
भूपेश सरकार ने प्रदेश को दी मिलेट्स की सौगात
सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में जहां बाजरा की फसलें जैसे कोदो, कुटकी और रागी समर्थन मूल्य पर खरीदी जाती है। वहीं इसके अलावा, सरकार मूल्य संवर्धन के माध्यम से इनके मूल्य बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है। प्रदेश में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया, बल्कि समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी एंव रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर उपार्जन किया जा रहा है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है।
विदेशियों को भाया छत्तीसगढ़ी पकवान
इसी कड़ी में जी-20 शिखर सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के खास मिलेट्स को पेश किया गया। मिलेट विशेषकर रागी से बने लड्डू जी-20 में आए राष्ट्राध्यक्षों और उनकी पत्नी को काफी पसंद भी आया। छत्तीसगढ़ के बस्तर से आईं महिलाओं ने मिलेट से बनने वाले पकवानों को विशेष तौर पर तैयार किया था। बस्तर ज़िले के बास्तानर ब्लॉक से पहुंचीं संगीता कश्यप ने बताया कि उन्होंने मिलेट के लड्डू, रागी कुकीज़, रागी चकली, कोदो-कुटकी आदि मिलेट से तैयार होने वाले पकवान बनाए थे।
महिलाओं के साथ आई ‘छत्तीसगढ़ कृषि विभाग की नोडल अधिकारी रुक्मणी कोट्टम ने बताया कि पूसा में छत्तीसगढ़ कृषि विभाग द्वारा स्टाल भी लगाया गया था। विभाग की ओर से स्टाल में बांस से बने उत्पाद जैसे सूपा, टुकनी, टोकरी, तुमा, छतरी के साथ-साथ मिलेट से बने उत्पाद भी रखें। जो कि यहां आने वाले आगंतुकों को काफ़ी पसंद आए।
छत्तीसगढ़ की ढोकराकला बना आकर्षण का केंद्र
बस्तर की महिलाओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ की ढोकराकला और नैचुरल डाई से बने कोसा के स्टॉल भी आगंतुकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र थे। कांकेर के दुर्गकोन्दल ब्लॉक के गोटुल मुंडा गांव के महिला समूह की निर्मला भास्कर ने बताया कि उन्होंने न्यूज़ीलैंड की फ़र्स्ट लेडी को मिलेट का बास्केट उपहार में दिया। इस बास्केट में छत्तीसगढ़ की महिला समूह द्वारा तैयार मिलेट उत्पाद थे। फ़र्स्ट लेडी ने उनके साथ सेल्फी भी ली।
Australia’s First Lady liked Chhattisgarh millet: आज दुनियाभर में छत्तीसगढ़ी पकवान को पसंद किया जा रहा है। खासकर बस्तरिया मिलेट का क्रेज देखा जा सकता है। लोग बड़े ही चाव के साथ ही खाना पसंद करते हैं। यह सब भूपेश सरकार की देन है। आज छत्तीसगढ़ को सीएम भूपेश बघेल की मेहनत और नई सोच की वजह से दुनिया में नई पहचान मिली है। सीएम बघेल ने प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बस्तर को चिन्हित किया है। प्रदेश के हर वर्ग का खास ध्यान रखा है।
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