CG Waqf Board: छत्तीसगढ़ की तमाम मस्जिदों के लिए बड़ी खबर, जुम्मे की नमाज के वक्त तकरीर पर वक्फ बोर्ड ने लिया अहम फैसला

Waqf Board took big decision on mosques of Chhattisgarh: वक्फ बोर्ड के अप्रूवल के बाद ही मस्जिदों के मौलाना तकरीर कर पाएंगे। ऐसा करके जुम्मे की तकरीर पर नजर रखने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य भी होगा।

CG Waqf Board: छत्तीसगढ़ की तमाम मस्जिदों के लिए बड़ी खबर, जुम्मे की नमाज के वक्त तकरीर पर वक्फ बोर्ड ने लिया अहम फैसला

CG Waqf Board


Reported By: Rajesh Raj,
Modified Date: November 16, 2024 / 11:35 pm IST
Published Date: November 16, 2024 4:35 pm IST

रायपुर: Waqf Board took big decision on mosques of Chhattisgarh छत्तीसगढ़ की तमाम मस्जिदों के लिए एक बड़ी और अहम खबर है। खबर ये हैं कि जुम्मे यानी शुक्रवार की नमाज के वक्त मस्जिदों में होने वाली तकरीर पर अब वक्फ बोर्ड की नजर होगी। तकरीर किस विषय पर होगी, और उसकी लाइन क्या होगी, इसे पहले वक्फ बोर्ड से अप्रुव कराना होगा। वक्फ बोर्ड के अप्रूवल के बाद ही मस्जिदों के मौलाना तकरीर कर पाएंगे। ऐसा करके जुम्मे की तकरीर पर नजर रखने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य भी होगा।

छत्तीसगढ़ की तमाम मस्जिदें छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के नियम और व्यवस्थाओं के अधीन हैं। इसी व्यवस्था के तहत वक्फ बोर्ड के नए अध्यक्ष ने नया फरमान जारी किया है। फरमान है कि शुक्रवार को नमाज के पहले मस्जिदों के मौलाना जो तकरीर करते हैं, यानी किसी विषय पर भाषण देते हैं। उस तकरीर के विषय को पहले वक्फ बोर्ड से पारित कराना होगा।

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मस्जिदों के मुतवल्वियों का एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया

Waqf Board took big decision on mosques of Chhattisgarh वक्फ बोर्ड ने इस व्यवस्था के लिए प्रदेश के तमाम मस्जिदों के मुतवल्वियों का एक व्हाट्सऐप ग्रुप बना दिया है। इस ग्रुप में हर मुतवल्ली को जुम्मे की तकरीर का विषय डालना होगा। विषय की लाइन डालनी होगी। वक्फ बोर्ड से नियुक्त एक अधिकारी उस विषय और लाइन को परखेगा। उसके अप्रूवल के बाद ही फिर मस्जिदों में मौलाना उस विषय पर तकरीर, यानी भाषण या प्रवचन कर सकेगें।

सवाल है, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष को ऐसी नई व्यवस्था करने की जरूरत क्यों पड़ गई। क्या यहां भी मस्जिदों में मौलाना जज्बाती और भड़काउ भाषण देते हैं? इस पर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष कहते हैं, ज्यादातर तकरीर सामाजिक होती है, लेकिन कुछ तकरीर जज्बाती और भड़काउं भी होती हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान कवर्धा दंगा भी जुम्मे की नमाज के बाद हुई तकरीर के बाद भड़की थी।

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निर्देश नहीं मानने पर मुतव्वलियों और मौलानाओं पर दर्ज होगी FIR

Waqf Board took big decision on mosques of Chhattisgarh बकौल, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष, उनके निर्देश नहीं मानने पर मुतव्वलियों और मौलानाओं पर एफआईआर भी दर्ज कराए जा सकते हैं, क्योंकि वक्फ बोर्ड एक्ट ऐसा करने का अधिकार भी देता है। हालांकि, प्रदेश के मुतव्वली कह रहे हैं कि तकरीर में कुरान की बातें ही कही जाती हैं। फिर भी वो ऐसा कुछ नहीं करेंगे, कि अध्यक्ष को ऐसा आदेश जारी करना पड़े।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की तरफ से नए निर्देश और व्यवस्था की जानकारी प्रदेश के तमाम मुतवल्लियों को जारी कर दिया गया है। अगले शुक्रवार से इसे लागू करने को भी कहा गया है। मकसद बेहतर है कि तकरीर सामाजिक सौहार्द्र और समरसता को बढ़ावा देने वाली हो, ना कि सियासी, लेकिन देखना होगा कि सियासी दल और मौलाना, मुतवव्ली इस नई व्यवस्था का कितना विरोध या कितना समर्थन करते हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com