रायपुर: पिछले साल छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी बनाई गई महिला नेत्री कुमारी शैलजा की छत्तीसगढ़ से छुट्टी कर दी गई है। उन्हें फिलहाल उत्तराखंड की कमान सौंपी गई है। वही अब छत्तीसगढ़ की कमान राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और युवा नेता सचिन पायलट को सौंपी गई है। कुमारी शैलजा से पहले पीसीसी के प्रभारी रहे पीएल पुनिया ने कांग्रेस का राज्य से सत्ता का वनवास ख़त्म कराया था और सरकार में 15 सालो बाद वापसी कराई थी। हालाँकि उनकी विदाई भी विवादों में रही। उनपर राज्य में बड़े नेताओं के बीच गुटबाजी को हवा देने, टिकट के नाम पर पैसो की लेनदेन और सरकार व संगठन के बीच तालमेल नहीं बिठाने जैसे आरोपों के साथ कुमारी शैलजा को भी प्रदेश से रवाना होना पड़ा। अब सवाल उठता है कि सचिन पायलट क्या कमाल कर पाएंगे।
हालाँकि इससे पहले ही छत्तीसगढ़ भाजपा ने नए पीसीसी इंचार्ज की घेराबंदी शुरू कर दी है। भाजपा की तरफ से सचिन पायलट पर तीखे हमले किये जा रहे है। पायलट से जुड़े सवाल पर कैबिनेट मिनिस्टर ओपी चौधरी का बड़ा बयान आया है। उन्होंने दावा किया है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस का जो हाल राजस्थान में किया है वही हाल पार्टी का वह छत्तीसगढ़ में भी करेंगे। मंत्री चौधरी ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और गर्त में जाएगी।
इसी तरह उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी पायलट के बहाने कांग्रेस पर निशानेबाजी की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस बात की कल्पना नहीं थी कि जनता उनसे दूर जा चुकी है। 2018 में जनता को धोखा देकर आए थे वो मुगालते में थे कि वह जनता को धोखा देकर फिर सत्ता में आ जाएंगे।
गौरतलब है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने पायलट को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। नए प्रभारी पायलट के सामने कांग्रेस के बिखराव को रोकते हुए ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीट जीताने का दबाव होगा। देखना दिलचस्प होगा कि वह कांग्रेस को चुनौतियों से कैसे बाहर निकाल पाते है।