रायपुर: इन दिनों प्रदेश में धर्मांतरण का मुद्दा छाया हुआ हैं। भाजपा और कांग्रेस इस मामले को लेकर आमने-सामने हैं। पक्ष और विपक्ष एक-दुसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। दोनों ही दलों का दावा हैं कि उनकी सरकारों में इसे रोकने सख्त कदम उठाएं हैं। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के शासन काल में आदिवासी क्षेत्रों में चर्चों का निर्माण हुआ तो वही सत्ताधारी भाजपा सीधे तौर पर कांग्रेस को धर्मांतरण के लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
इसी बीच एक बार फिर से दोनों दलों के नेता इस मसले को आमने-सामने आ गए हैं। एक बार फिर से चर्च की संख्या को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को चुनौती दी है। कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा हैं कि चर्च की संख्या को लेकर साय सरकार को श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह और भूपेश बघेल के शासन में कितने चर्च बने। राज्य सरकार श्वेतपत्र जारी कर यह स्पष्ट करें। सुशील आनंद शुक्ला ने दावा किया कि कांग्रेस के शासनकाल में कोई चर्च नहीं बना है। महज लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा प्रदेश में धर्मांतरण का मुद्दा उठा रही है।
वही दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की साय सरकार धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। इस बारें में डिप्टी सीएम अरुण साव ने कल यानी रविवार को मीडिया में बयान दिया था। उन्होंने संकेत दिया था कि उनकी सरकार प्रदेश भर में धर्मांतरण को रोकने कानून ला सकती हैं। उन्होंने दावा किया कि धर्मांतरण रोकने के लिए भाजपा की सरकार हर वह उपाय करेगी जो धर्मांतरण को रोक सके। साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की डेमोग्राफी ना बदले, संस्कृति सभ्यता है उसे पर किसी तरह का विपरीत प्रभाव न पड़े यह भी उनकी सरकार की कोशिश होगी। उनकी सरकार इस नाते भी धर्मांतरण रोकने के लिए सरकार हर उपाय करेगी।