CG Griyaband Naxali Encounter Update: पहली बार रायपुर में बनी नक्सलियों को घेरकर मारने की रणनीति.. IG अमरेश मिश्रा ने किये माओ ऑप्स पर कई बड़े खुलासे..

इस बार 5 फोर्स के संयुक्त ऑपरेशन में चलपति फंस गया। उनकी मौत ने नक्सल आंदोलन को आंध्र प्रदेश और ओडिशा में एक निर्णायक मोड़ पर ला खड़ा किया है। उनका अंत नक्सल आंदोलन की कमजोर होती स्थिति का प्रतीक बन गया है, और यह अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।

CG Griyaband Naxali Encounter Update: पहली बार रायपुर में बनी नक्सलियों को घेरकर मारने की रणनीति.. IG अमरेश मिश्रा ने किये माओ ऑप्स पर कई बड़े खुलासे..

CG Griyaband Naxali Encounter Update || Image- IBC24 File

Modified Date: January 24, 2025 / 12:18 am IST
Published Date: January 24, 2025 12:05 am IST

CG Griyaband Naxali Encounter Update : गरियाबंद: नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों द्वारा किए गए बड़े ऑपरेशन के बाद सभी जवानों के सुरक्षित लौटने से कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं। यह सफल अभियान रायपुर में बनी एक सटीक रणनीति का नतीजा था। इस रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए CRPF की सी-30, कोबरा बटालियन और उड़ीसा की SOG के अधिकारियों के साथ कई गोपनीय बैठकें की गई।

Read More: Raipur crime news: ऑपरेशन “साइबर शील्ड” के तहत बड़ी कार्रवाई, 3 विदेशी नाइजीरियन समेत कुल 62 आरोपी गिरफ्तार

आईजी रायपुर रेंज, अमरेश मिश्रा ने इस पूरे सफल एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर कई बड़े खुलासे किये है। उन्होंने बताया कि, जवानों को अभियान के लिए पहले से ही जंगलों में गहन रणनीति से अवगत कराया गया था। हमारे पास 100 से अधिक नक्सलियों के मौजूद होने की पुख्ता सूचना थी। इसी जानकारी के आधार पर चारों दिशाओं से सुरक्षाबलों को जंगल में घुसने के आदेश दिए गए। जवानों ने नक्सलियों को चारों ओर से घेरते हुए इस मुठभेड़ को प्रभावी तरीके से अंजाम दिया।

 ⁠

CG Griyaband Naxali Encounter Update : अब तक इस अभियान में 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, जिनमें कई इनामी नक्सली नेता शामिल हैं। हालांकि, यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि सबूत बताते हैं कि नक्सली कई शव अपने साथ ले गए हैं।

आईजी रायपुर रेंज, अमरेश मिश्रा ने बताया कि यह अभियान हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और सूझबूझ का परिणाम है। नक्सल विरोधी अभियान में यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिससे नक्सली नेटवर्क को भारी नुकसान हुआ है। सुरक्षा बल नक्सलियों के बचे हुए नेटवर्क पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। आने वाले दिनों में और भी ऑपरेशन किए जाएंगे। हमारा उद्देश्य नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा करना है।

12 माओवादियों की पहचान पूरी

CG Griyaband Naxali Encounter Update : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में हुई मुठभेड़ में 16 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इनमें से अब तक 12 नक्सलियों की पहचान की जा चुकी है। इस मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली सत्यम गावड़े भी मारा गया है। सत्यम पर छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश की पुलिस ने बड़ा इनाम घोषित कर रखा था।

3 करोड़ 13 लाख रुपए का इनाम

मारे गए 12 नक्सलियों पर कुल मिलाकर 3 करोड़ 13 लाख रुपए का इनाम था। ये नक्सली लंबे समय से सुरक्षाबलों के निशाने पर थे और इनके खिलाफ कई राज्यों में वारंट जारी थे। इस मुठभेड़ में नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के सदस्य चलपति उर्फ जयराम के मारे जाने की भी पुष्टि हुई है। जयराम नक्सलियों की उच्चस्तरीय रणनीति का अहम हिस्सा था।

मुठभेड़ का स्थान

CG Griyaband Naxali Encounter Update : यह भीषण मुठभेड़ गरियाबंद जिले के मैनपुर क्षेत्र के भालू डिग्गी जंगल में हुई। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई इस कार्रवाई को बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इस ऑपरेशन से नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है, जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित करने की उम्मीद और बढ़ी है।

मारा गया चलपति

भालूडिग्गी के जंगलों में हुए भीषण नक्सली-पुलिस मुठभेड़ में 27 माओवादियों के मारे जाने का दावा किया गया था। हालांकि पुलिस के हाथ 16 शव ही बरामद हुए है। इस मुठभेड़ में एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली चलपति भी मारा गया।

कौन था चलपति?

CG Griyaband Naxali Encounter Update : नक्सल नेता चलपति की कहानी एक ऐसा अध्याय है जो नक्सल आंदोलन के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। आंध्र प्रदेश के चिंत्तूर जिले के माटेमपल्ली गांव में जन्मे जयाराम, जिन्हें चलपति के नाम से जाना जाता है, ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव में ही पूरी की। 10वीं तक पढ़ाई करने के बाद, 1990 के दशक में उन्होंने माओवादी आंदोलन का हिस्सा बनने का निर्णय लिया। उनकी पढ़ाई-लिखाई और रणनीतिक समझ के कारण उन्हें सेंट्रल कमेटी का सदस्य बनाया गया।

साल 2000 के आसपास, चलपति ने नक्सली नेता अरुणा से विवाह किया। यह जोड़ी लगभग 16 वर्षों तक साथ रही। इस दौरान, उनके सरेंडर की कई खबरें सामने आईं। 2018 तक चलपति के सिर पर 20 लाख रुपये का इनाम था। लेकिन अगले 6 वर्षों में यह इनाम बढ़कर 1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस दौरान, कई बार उनकी मौत की खबरें भी आईं, लेकिन हर बार वे इन अफवाहों को झुठलाते हुए बच निकलने में सफल रहे।

Read Also: CG Nikay Election Candidate List: इंतज़ार ख़त्म!.. कल आएगी भाजपा-कांग्रेस की पहली लिस्ट, पर महापौर के नाम पर अटक गया मामला

CG Griyaband Naxali Encounter Update : हालांकि, इस बार 5 फोर्स के संयुक्त ऑपरेशन में चलपति फंस गया। उनकी मौत ने नक्सल आंदोलन को आंध्र प्रदेश और ओडिशा में एक निर्णायक मोड़ पर ला खड़ा किया है। उनका अंत नक्सल आंदोलन की कमजोर होती स्थिति का प्रतीक बन गया है, और यह अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown