SIR in Chhattisgarh News || Image- IBC24 news
SIR in Chhattisgarh News: रायपुर: देशभर के 12 राज्यों में इन दिनों एसआईआर यानी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण का काम द्रुत गति से जारी है। छत्तीसगढ़ में भी सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण में बीएलओ जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन और मार्गदर्शन में घर-घर जा रहे हैं। वे मतदाताओं का भौतिक सत्यापन कर रहे हैं और आवश्यक दस्तावेजों की जाँच भी कर रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में मतदाताओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए निर्वाचन आयोग समय-समय पर महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी कर रहा है।
इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने एक अहम आदेश जारी किया है। कुछ दिनों पहले मतदाताओं के बीच यह अफवाह फैल गई थी कि एसआईआर के लिए व्हाइट बैकग्राउंड वाली फोटो देना जरूरी है। हालांकि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि फॉर्म में फोटो धुंधली या खराब हो तो नया फोटो दिया जा सकता है, लेकिन सभी मतदाताओं को फोटो देने की आवश्यकता नहीं है। बूथ लेवल अधिकारी अपने मोबाइल से भी फोटो लेकर अपलोड कर सकते हैं।
SIR in Chhattisgarh News: बता दें कि छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण की प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हो चुकी है। बीएलओ घर-घर जाकर सर्वे कार्य कर रहे हैं। यदि आपका नाम 2003 की एसआईआर सूची में है तो आपको कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है और आपका नाम नए मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा। यदि आप तब 18 वर्ष के नहीं थे या किसी अन्य जिले या राज्य में निवास करते थे और 2003 की सूची में आपका नाम नहीं आया था, तब भी घबराने की जरूरत नहीं है। यदि 2003 की लिस्ट में देश के किसी भी राज्य में आपके माता-पिता का नाम है तो भी आपको दस्तावेज नहीं देने होंगे।
लेकिन अगर 2003 की लिस्ट में न आपका नाम है और न ही आपके माता-पिता का, तो आपको अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। इसके लिए इलेक्शन कमीशन ने 13 प्रकार के दस्तावेजों की सूची जारी की है, जिन्हें दिखाने के बाद ही आपका नाम नए मतदाता सूची में शामिल हो सकेगा। एक महीने तक घर-घर सर्वे चलेगा, उसके बाद एक महीने तक दावा-आपत्ति पर सुनवाई होगी और फिर फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी। यदि एसआईआर प्रक्रिया में आपका नाम कट जाता है, तो पहले कलेक्टर और फिर मुख्य निर्वाचन कार्यालय में अपील कर सकते हैं।
SIR in Chhattisgarh News: जारी दस्तावेजों की सूची में केंद्र या राज्य सरकार/पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनर्स को जारी पहचान पत्र, 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, वन अधिकार प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, NRC से संबंधित प्रमाणपत्र, फैमिली रजिस्टर, भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र और आयोग की दिशा-निर्देश पत्र संख्या 23/2025-ERS/Vol.II के तहत आधार कार्ड संबंधित निर्देश शामिल हैं।
SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन 1951 से 2004 के बीच आठ बार हुआ था और अंतिम बार 2004 में किया गया था। यह प्रक्रिया वोटर लिस्ट को माइक्रो लेवल पर शुद्ध करने के लिए होती है। इसमें मृत्यु, स्थायी रूप से शिफ्ट हुए, डुप्लीकेट वोटर, घुसपैठियों, लापता वोटरों और विदेशी वोटरों की पहचान कर उनके नाम हटाए जाते हैं।
इसलिए जरूरी हो गया क्योंकि लंबे समय से यह प्रक्रिया नहीं हुई थी और वोटर लिस्ट में काफी त्रुटियां बढ़ गई थीं। इसी वजह से मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इसे शुरू करने का निर्णय लिया। पहले चरण में बिहार में एसआईआर पूरी हो चुकी है। दूसरे चरण में यूपी और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में इसका काम चल रहा है और तीसरे चरण में बाकी राज्यों में इसे शुरू किया जाएगा।