गिरजा ने दिव्यांगता को नहीं बनाई कमजोरी, ज्वेलरी डिजाइनिंग का प्रशिक्षण देकर बेसहारा दिव्यांगों को बना रही आत्मनिर्भर

ज्वेलरी डिजाइनिंग का प्रशिक्षण देकर बेसहारा दिव्यांगों को बना रही आत्मनिर्भर! Divyang Girija achieved success with courage and skill

गिरजा ने दिव्यांगता को नहीं बनाई कमजोरी, ज्वेलरी डिजाइनिंग का प्रशिक्षण देकर बेसहारा दिव्यांगों को बना रही आत्मनिर्भर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: July 2, 2022 5:10 pm IST

रायपुर: Divyang Girija achieved success हिम्मत और हुनर का साथ हो तो कोई अक्षमता सफलता में बाधा नहीं बनती है, यह साबित किया है रायपुर की अस्थिबाधित दिव्यांग गिरजा जलक्षत्री ने। चालीस प्रतिशत अस्थि बाधा से पीड़ित गिरजा ने अपनी दिव्यांगता को पीछे छोड़ते हुए आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है। आज वह न सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक और फोटो फ्रेमिंग का काम करती हैं, बल्कि कई बेसहारा दिव्यांगों को ज्वेलरी डिजाइनिंग सिखा कर उनके स्वावलंबन की राह तैयार कर रही हैं। उनके अधीन 20 दिव्यांग हैण्डमेड ज्वेलरी का प्रशिक्षण ले रही हैं। इनमें 5 पुरूष और 15 महिलाएं हैं। गिरजा द्वारा दिव्यांगजन के स्वावलंबन के दिशा में किए जा रहे काम के कारण उन्हें दिल्ली की संस्था द्वारा डॉ. सुब्रमणयम आवार्ड और एक लाख रूपये से सम्मानित किया गया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

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Divyang Girija achieved success एक समय गिरजा 12 वीं तक पढ़ाई करने के बाद भी बेरोजगार थी। उनके पास हुनर था लेकिन काम शुरू करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। इस दौरान उन्हें समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम के बारे में पता चला जो दिव्यांग व्यक्तियों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराती है। गिरजा ने निगम में 2 लाख 7 हजार रुपए के ऋण के लिए आवेदन किया। लोन स्वीकृति के बाद उन्होंने इलेक्ट्रिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक और फोटो फ्रेमिंग के साथ हैंडमेड ज्वेलरी का काम शुरू किया। आज वह आत्मनिर्भर हैं और अपने परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। वह अपने पति और बेटे के साथ खुशहाल जीवन बिता रही हैं। उन्होंने निगम द्वारा स्वीकृत पहली ऋण राशि की सफलता पूर्वक अदायगी कर दी है। अपने व्यवसाय को विस्तार देने के लिए उन्होंने अब वर्ष 2022-23 में 8 लाख रूपए का ऋण प्रस्ताव फिर से भेजा है।

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दुकान की आय की बचत राशि से वह अपने घर पर ही दिव्यांगों को ज्वेलरी डिजायनिंग का प्रशिक्षण दे रही हैं। वह रेशमी धागे से आर्टिफीशियल ज्वेलरी निर्माण, धान से गले का सेट तथा झुमका निर्माण, निरमा साबुन फिनाईल, मसाला निर्माण का प्रशिक्षण कुशलता से देती हैं। इससे दिव्यांग हुनरमंद के साथ आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे।

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लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"