SC voter in Chhattisgarh: रायपुर। ‘जाति न पूछो साधु की…’ लेकिन जब बात सियासत की हो…तो लाख दल इंकार कर लें पर बात घूम-फिरकर जात-पात पर ही आ जाती है… छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा और फिर अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए सियासी जमीन तैयार की जा रही है…वोटर्स को जाति और धर्म के समीकरणों के हिसाब से साधने, उनका हितैषी बनने की होड़ साफ नजर आने लगी है…भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही आजकल अनुसूचित जाति के करीबी बढ़ाने में जुटे हैं….राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में पहली बार हुई भाजपा SC मोर्चा की बैठक, इसी कवायद की कड़ी दिखती है…कितनी कारगर रहेगी ये कवायद, इस पर करेंगे खुलकर बहस…पहले देखते हैं एक रिपोर्ट…
तारीख 18 जुलाई 2023, SC युवाओं का नग्न प्रदर्शन। तारीख 1 अगस्त 2023, पहली बार छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय सम्मेलन। ये संयोग है..या सियासी बिसात? रायपुर में हुई भाजपा की अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक की ये तस्वीरें छत्तीसगढ़ के सियासी भविष्य की तस्वीर और तकदीर बदलने के संकेत भी हैं… छत्तीसगढ़ में पहली बार SC पदाधिकारियों की बैठक हो रही है। भाजपा इस बैठक के जरिए इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ-साथ अगले साल होने वाले आमचुनावों के लिए जमीन तैयार कर रही है। इसी क्रम में वो SC वोटर्स को साधना चाहती है।
पिछले कुछ दिनों में अनुसूचित जाति को लेकर प्रदेश में सियासी संग्राम छिड़ा है। खुद को SC वर्ग का हितैषी बताने की होड़ सी मची है। SC वोटर पर मजबूत पकड़ रखने वाले अजीत जोगी के बिना इस बार छत्तीसगढ़ में पहला विधानसभा चुनाव होगा, लिहाजा अब तक वे जिन मुद्दों को उठाते रहे हैं, उसे अपना बताकर रेस में आगे होने की कवायद शुरू हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही उनसे छिटके वोट कैच करने की फिराक में हैं। कांग्रेस का कहना है कि भूपेश बघेल की सरकार के काम के आगे भाजपा की कोई रणनीति काम नहीं करेगी।
चुनावी जंग में जनता के बीच जाने से पहले कांग्रेस और भाजपा हर वर्ग, हर क्षेत्र को साधकर, उसका प्रभाव देखकर अपनी सियासी बिसात बिछाने लगे हैं।
-ब्यूरो रिपोर्ट, IBC24