Good news for farmers, money will come in the account tomorrow

किसानों के लिए खुशखबरी, कल आएंगे खाते में पैसें, सरकार भेजेगी इस योजना की राशि

किसानों के लिए खुशखबरी, कल आएंगे खाते में पैसें, सरकार भेजेगी इस योजना की राशि : Good news for farmers, money will come in the account tomorrow, the government will send the amount of this scheme

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : August 19, 2022/11:29 pm IST

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 अगस्त शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी जी की जयंती के अवसर पर राज्य के किसानों, पशुपालक ग्रामीणों, गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 1750 करोड़ 24 लाख रूपए की राशि उनके बैंक खाते में ऑनलाइन जारी करेंगे। यह राशि छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के तहत दी जाएगी। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री बघेल वर्चुअल रूप से राज्य के जनप्रतिनिधियों, किसानों, गौपालकों एवं समूहों की महिलाओं से चर्चा करेंगे।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 20 अगस्त को राज्य के 26 लाख 21 हजार किसानों को इस साल की इनपुट सब्सिडी की दूसरी किस्त के रूप 1745 करोड़ रूपए की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इससे पूर्व 21 मई 2022 को राज्य के किसानों को इस योजना की प्रथम किस्त के रूप में 1745 रूपए का भुगतान किया गया था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना छत्तीसगढ़ खरीफ वर्ष 2019 से लागू की गई है। इस योजना के तहत अब तक किसानों को 12 हजार 920 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है।

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20 अगस्त को द्वितीय किस्त के भुगतान के बाद यह राशि बढ़कर 14 हजार 665 करोड़ हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि खरीफ 2019 में 18.43 लाख किसानों को 4 किस्तों में इनपुट सब्सिडी के रूप में 5627 करोड़ रूपए, खरीफ वर्ष 2020 के 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है। इस योजना के तहत किसानों को इनपुट सब्सिडी की यह राशि राज्य में फसल उत्पादकता एवं फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने तथा काश्त लागत को कम करने के उद्देश्य से दी जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 अगस्त को ही गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 5 करोड़ 24 लाख रूपए की राशि जारी करेंगे।

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गोधन न्याय योजना के तहत बीते दो सालों में गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों को 330 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 20 अगस्त को इस योजना की 50वीं किस्त की राशि 5.24 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 335 करोड़ 24 लाख रूपए हो जाएगा। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी की शुरूआत 20 जुलाई 2020 से हरेली पर्व से की जा रही है। गौठानों में 15 अगस्त 2022 तक 79.12 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। राज्य में 8408 गौठान निर्मित और संचालित हैं, जहां 2 लाख 52 हजार से अधिक पशुपालक ग्रामीण गोबर बेच कर सीधे लाभान्वित हो रहे हैं, इसमें 1 लाख 43 हजार से अधिक भूमिहीन शामिल हैं।

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गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर तथा 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। गौठानों में 31 जुलाई तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 155.60 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। 20 अगस्त को गोबर विक्रेताओं को 2.64 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 158.24 करोड़ रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 151.60 करोड़ रूपए राशि की भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 20 अगस्त को 2.60 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 154.02 करोड़ रूपए हो जाएगा।

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गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है। महिला समूहों द्वारा 17.27 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 5.21 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18,924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर प्रदाय किया जा रहा है। महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 78.62 करोड़ रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 13,969 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 83,874 है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है।

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उल्लेखनीय है कि गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की शुरूआत भी रायपुर के हीरापुर-जरवाय गौठान में हो चुकी है। मुख्यमंत्री बघेल की मंशा के अनुरूप गौठानों को रूरल इण्डस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से कृषि एवं वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाईयां, गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण के लिए यूनिटें स्थापित की जा रही हैं। 227 गौठानों में तेल मिल तथा 292 गौठानों में दाल मिल सहित मिनी राईस मिल एवं अन्य प्रकार यूनिटे स्थापित किए जाने का काम तेजी से जारी है।

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