CG Sahayak Shikshak Bharti: नौकरी से निकाले जाएंगे सहायक शिक्षक, हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कही बड़ी बात
CG Sahayak Shikshak Bharti: नौकरी से निकाले जाएंगे सहायक शिक्षक, हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कही बड़ी बात
Order to Fire 3000 teachers
रायपुर: CG Sahayak Shikshak Bharti पिछले 6 माह से शासकीय स्कूलों में पदस्थ बीएड प्रशिक्षित नवनियुक्त सहायक शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बीएड प्रशिक्षित को भी सहायक शिक्षक पद पर आवेदन करने की छूट दी थी, लेकिन दो अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद नौकरी जाने के भय से सभी अवसाद में हैं। 2021 के बाद से नियुक्त हुए बीएडधारी सहायक शिक्षक को हटाने का निर्णय लिया गया है, जिससे करीब चार हजार शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। इनकी मांग है कि उनकी नियुक्ति को यथावत रख डीईएलडी का ब्रिज कोर्स करा दिया जाए, जिससे किसी के भविष्य के साथ गलत न हो। इनका कहना है कि 6 महीने सेवा देने के बाद नियुक्ति को निरस्त करना सही नहीं है।
CG Sahayak Shikshak Bharti दरअसल, पिछली सरकार के दौरान 4 मई 2023 को लोक शिक्षण संचालनालय ने शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन में सहायक शिक्षक के पद पर बीएड कोर्स को भी मान्य किया गया था। 10 जून 2023 को इसकी परीक्षा हुई थी और 2 जुलाई 2023 को रिजल्ट और मेरिट लिस्ट जारी की गई। 11 अगस्त 2023 को क्वालिटी ऑफ एजुकेशन के नाम पर सुप्रीम कोर्ट ने NCTE के इस गजट नोटिफिकेशन को रद्द करने के साथ ही बीएड को प्राथमिक स्तर के लिए अमान्य ठहरा दिया। इसके बाद डीएड डिग्री धारकों ने चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए सिर्फ डीएड पास अभ्यर्थी ही मान्य होंगे। हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल 2024 को बीएड प्रशिक्षित नवनियुक्त सहायक शिक्षकों को 6 महीने की सेवा के बाद पदमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया।
शालेय शिक्षक संघ के साथ छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने संघ के प्रतिनिधियों के साथ स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बृजमोहन अग्रवाल से नौकरी बचाने की गुहार लगाई है तो दूसरी ओर डीएलएड शिक्षक बीएड के डिग्री धारी शिक्षकों की नियुक्ति को खारिज कर D.El.Ed की डिग्री प्राप्त अभ्यर्थियों को नौकरी देने की अपील की है। इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार अपना पक्ष रखेगी। कोर्ट के फैसले के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
हाईकोर्ट से इस फैसले के बाद बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों का कहना है कि उनकी नियुक्ति नियमों के अनुसार हुई। वे छह-छह महीने से अलग-अलग जिलों के सरकारी स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं। अचानक नौकरी जाने से बड़ी समस्या होगी। उन्होंने मांग की कि हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से रखा जाए, साथ ही उन्हें नौकरी में यथावत रखा जाए।

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