Face To Face Madhya Pradesh: अब प्रमोशन की बारी..सधेगे कर्मचारी? क्या कानूनी दांवपेंच में उलझकर रह जाएगा मामला?

Face To Face Madhya Pradesh: अब प्रमोशन की बारी..सधेगे कर्मचारी? क्या कानूनी दांवपेंच में उलझकर रह जाएगा मामला?

Face To Face Madhya Pradesh: अब प्रमोशन की बारी..सधेगे कर्मचारी? क्या कानूनी दांवपेंच में उलझकर रह जाएगा मामला?

Face To Face Madhya Pradesh/ Image Credit: IBC24

Modified Date: March 19, 2025 / 10:35 pm IST
Published Date: March 19, 2025 10:35 pm IST

भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: अब प्रमोशन की बारी, सधेंगे कर्मचारी ? ये सवाल इसलिए क्योंकि मध्यप्रदेश में करीब नौ साल बाद 5 लाख सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता खुलने जा रहा है, अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हो सकती है। विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के ऐलान के बाद वित्त विभाग ने विधि विभाग से अभिमत मांगा है। मामला कर्मचारी वोटों से जुड़ा हो तो इसपर सियासत क्यों नहीं होगी। बीजेपी और कांग्रेस में कर्मचारी हितैषी बनने को होड़ मच गई है। आखिर सूबे में क्यों बंद हो गए थे प्रमोशन। सरकार क्या रास्ता निकाल रही है और सियासत क्यों हो रही है ?

Read More: CG Ki Baat: जेल वाली पॉलिटिक्स..सियासी एजेंडा फिक्स! क्या कांग्रेस खुद को पीड़ित बताकर सहानुभूति हासिल करना चाहती है?

तो सुना आपने सूबे के मुखिया डॉ मोहन यादव ने 9 साल से रुके प्रमोशन को फिर से शुरू करने के संकेत दिए है जल्द ही कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ होने वाला है। बजट सत्र के पहले कर्मचारियों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रमोशन का रास्ता जल्द निकालने के संकेत दिए थे।  कर्मचारियों को प्रमोशन देने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग नए निर्देश जारी करेगा,जिसे विभागों में लागू किया जाएगा। सरकार के इस कवायद से कर्मचारी संगठन भी खुश हैं। प्रमोशन का मुद्दा सीधे-सीधे कर्मचारियों से जुड़ा है तो कर्मचारियों का सच्चा हितैषी दिखाने की होड़ सियासी दलों में मची हुई है, जहां कांग्रेस ने बीजेपी को कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया तो वही बीजेपी का कहना है यह कांग्रेस सरकार के समय के पाप है, जिनका निपटारा हमारी सरकार कर रही है।

 ⁠

Read More: BJP Mandal Adhyaksh Niyukti: भाजपा के 4 मंडलों में अध्यक्ष और महामंत्रियों की नियुक्ति, प्रदेश बॉडी ने जारी किया आदेश, देखें

Face To Face Madhya Pradesh: दरअसल, कर्मचारियों की ताकत का अहसास सियासी दल अच्छे से जानते हैं। 2003 विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह का “चुनाव प्रबंधन से जीते जाते हैं, कर्मचारी और अन्य वर्गों के वोटों से नहीं ” वाला बयान उन्हें सत्ता के वनवास पर भेजने की वजह बना था। ठीक इसी तरह 12 जून 2016 को शिवराज सिंह चौहान का कोई भी माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता, आरक्षण जारी रहेगा, प्रमोशन में भी सरकार आरक्षण देगी वाला बयान पर खूब बवाल मचा। जिसका खामियाजा 2018 में बीजेपी को भुगतना पड़ा। बीजेपी की सत्ता चली गई। कुल मिलाकर डॉ मोहन यादव ने प्रमोशन वाला दांव खेलकर कर्मचारियों की 9 साल से चली आ रही नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है। अब देखना है कि बीजेपी सरकार इसमें कितना कामयाब हो पाती है।

 


लेखक के बारे में