CG Ki Baat: ED पर सवाल..’मालपानी’ पर बवाल, क्या केंद्रीय एजेंसियां कांग्रेस के दौर में कार्रवाई नहीं करती थी ?
CG Ki Baat: ED पर सवाल..'मालपानी' पर बवाल, क्या केंद्रीय एजेंसियां कांग्रेस के दौर में कार्रवाई नहीं करती थी ?
CG Ki Baat/ Image Credit: IBC24
रायपुर। CG Ki Baat: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जारी घमासान के बीच रुख करते हैं महाकुंभ का जिसके जल पर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने गंगाजल से कैदियों के स्नान की पहल की। इधर MP में भी कैदियों ने गंगा जल से स्नान किया। कैदियों के गंगाजल से स्नान को लेकर .कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधने में कोई कमीं नहीं की जिसके चलते सूबे का सियासी पारा चढ़ गया। 2 दिन पहले ED के दो अधिकारी, राजधानी में कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन पहुंचे और नोटिस देकर सुकमा और कोंटा में बने राजीव भवन की फंडिंग से जुड़े डिटेल मांगे। जब कांग्रेस का सक्षम अधिकारी ना मिले तो 27 तारीख को जानकारी के साथ ED ऑफिस तलब किया। गुरूवार को कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू ED के सवालों का जवाब देने दफ्तर पहुंचे, जहां उन्हें 7 घंटे बैठा कर रखा गया।
इसके खिलाफ कुछ कार्यकर्ताओं ने ED दफ्तर के सामने नारेबाजी कर धरना दिया। दूसरी तरफ प्रदेश भर में ED एक्शन पर मोर्चा संभाला पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हिम्मत है तो ED, BJP कार्यालयों में जाकर दिखाए। पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने तो यहां तक कह दिया कि अगर मेरे पास 5 दिन के लिए तोता होगा तो सबको अंदर कर दूंगा। कांग्रेस के आरोपों पर, डिप्टी सीएम अरुण साव ने उल्टे कांग्रेस से पूछा कि, अगर सब सही है तो फिर कांग्रेस को ED से इतना डर क्यों है? दूसरी तरफ मंत्री रामविचार नेताम ने पूर्व CM भूपेश बघेल को माल-पानी और तहखाने की चाबी रखने वाला नेता कहकर तंज कसा। कुल मिलाकर आबकारी घोटाले में कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा पहले से शिकंजे में हैं।
CG Ki Baat: कांग्रेस मुख्यालय पहुंची ED टीम की सक्रियता बताती है कि आगे जल्द ही कांग्रेस के कुछ और बड़े नेताओं पर शिकंजा कस सकता। दूसरी तरफ इन हालात में बीजेपी, कांग्रेस की लगातार हार का जिम्मेदार बताते हुए माल-पानी और तहखाने की चाबी का जिक्र छेड़ कर कांग्रेस सरकार के मुखिया रहे भूपेश को चौतरफा घेर रही है। सवाल ये है कि क्या ये सारी कार्रवाई किसी पॉलिटिकल ऐजेंडा या ध्यान भटकाने के लिए है। सवाल ये भी है कि क्या बार-बार जांच और कार्रवाई का चैलेंज देने वाली कांग्रेस, शिकंजा कसने पर विक्टम कार्ड खेलती है ?

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