Sai Cabinet Ke Faisle: साय कैबिनेट का ऐतिहासिक निर्णय, आत्मसमर्पित नक्सलियों के खिलाफ चल रहे केस होंगे खत्म, जान लीजिए सरकार की बनाई नई प्रक्रिया
Sai Cabinet Ke Faisle: साय कैबिनेट का ऐतिहासिक निर्णय, आत्मसमर्पित नक्सलियों के खिलाफ चल रहे केस होंगे खत्म, जान लीजिए सरकार की बनाई नई प्रक्रिया
Sai Cabinet Ke Faisle/Image Source: IBC24
- "साय कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला
- आत्मसमर्पित नक्सलियों के केस होंगे खत्म
- मंत्रिमंडलीय उपसमिति तय करेगी निर्णय
रायपुर: Sai Cabinet Ke Faisle: छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। डिप्टी सीएम अरुण साव ने इस संबंध में जानकारी दी। जानकारी के अनुसार आत्मसमर्पित नक्सलियों के खिलाफ चल रहे केस समाप्त किए जाएंगे। डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि इसके लिए जिला स्तर पर समिति गठित की जाएगी जबकि प्रदेश स्तर पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति अंतिम फैसला लेगी।
साय कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला (Chhattisgarh surrendered Naxals)
मंत्रिपरिषद ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा एवं परीक्षण के लिए, जिन्हें न्यायालय से वापस लिया जाना है, मंत्रिपरिषद उप समिति के गठन को स्वीकृति दी है। यह समिति परीक्षण उपरांत प्रकरणों को मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत करेगी। यह निर्णय छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 के प्रावधानों के अनुरूप है, जिसके अंतर्गत आत्मसमर्पित नक्सलियों के अच्छे आचरण तथा नक्सलवाद उन्मूलन में दिए गए योगदान को ध्यान में रखकर उनके विरुद्ध दर्ज प्रकरणों के निराकरण पर विचार का प्रावधान है।
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— IBC24 News (@IBC24News) December 10, 2025
Sai Cabinet Ke Faisle: आत्मसमर्पित नक्सलियों के प्रकरण वापसी की प्रक्रिया के लिए जिला स्तरीय समिति के गठन का प्रावधान किया गया है। यह समिति आत्मसमर्पित नक्सली के अपराधिक प्रकरणों की वापसी के लिए रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को प्रस्तुत करेगी। पुलिस मुख्यालय अभिमत सहित प्रस्ताव भेजेगा। शासन द्वारा विधि विभाग का अभिमत प्राप्त कर मामलों को मंत्रिपरिषद उप समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उपसमिति द्वारा अनुशंसित प्रकरणों को अंतिम अनुमोदन हेतु मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा जाएगा। केंद्रीय अधिनियम अथवा केंद्र सरकार से संबंधित प्रकरणों के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुज्ञा प्राप्त की जाएगी। अन्य प्रकरणों को न्यायालय में लोक अभियोजन अधिकारी के माध्यम से वापसी की प्रक्रिया हेतु जिला दण्डाधिकारी को प्रेषित किया जाएगा।
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