Sai Cabinet Ke Faisle: साय कैबिनेट का बड़ा फैसला, इन 14 कानूनों में संशोधन, नागरिकों को मिलेगी त्वरित राहत, पढ़ें पूरा निर्णय

रायपुर से ताजा खबर है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी में साय कैबिनेट की अहम बैठक मुख्यमंत्री निवास में आयोजित की गई।

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  • Publish Date - December 10, 2025 / 01:59 PM IST,
    Updated On - December 10, 2025 / 02:02 PM IST

Sai Cabinet Ke Faisle/ image source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • साय कैबिनेट की अहम बैठक रायपुर में
  • 14 अधिनियमों में संशोधन विधेयक अनुमोदित
  • नागरिकों को राहत, सुशासन बढ़ेगा

Sai Cabinet Ke Faisle: रायपुर: रायपुर से ताजा खबर है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी में साय कैबिनेट की अहम बैठक मुख्यमंत्री निवास में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की। बैठक में राज्य के प्रशासनिक, कानूनी और नागरिक कल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई और कई अहम निर्णय लिए गए।

साय कैबिनेट की अहम बैठक रायपुर में

Sai Cabinet Ke Faisle: बैठक की प्रमुख जानकारी प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने मीडिया को दी। कैबिनेट ने इस बैठक में 14 अधिनियमों में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025 के प्रारूप को अनुमोदित किया। इस कदम का उद्देश्य राज्य के विभिन्न कानूनों को समयानुकूल और नागरिकों के अनुकूल बनाना बताया गया।

14 अधिनियमों में संशोधन विधेयक अनुमोदित

Sai Cabinet Ke Faisle: जानकारी के अनुसार, कई अधिनियमों में उल्लंघन पर जुर्माना या कारावास के प्रावधान होने से न्यायिक प्रक्रिया लंबी हो जाती थी, जिससे आम नागरिक और व्यवसाय दोनों प्रभावित होते थे। ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए इन प्रावधानों का सरलीकरण आवश्यक था। इससे पहले, राज्य सरकार ने 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में संशोधन करते हुए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2025 अधिसूचित किया था। अब कैबिनेट ने 11 विभागों के 14 अधिनियमों के 116 प्रावधानों को और सरल और प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत छोटे उल्लंघनों के लिए प्रशासकीय शास्ति का प्रावधान रखा गया है, जिससे मामलों का त्वरित निपटारा होगा और न्यायालयों का बोझ कम होगा।

नागरिकों को राहत, सुशासन बढ़ेगा

Sai Cabinet Ke Faisle: इस विधेयक से न केवल नागरिकों को तेजी से राहत मिलेगी, बल्कि कई अधिनियमों में लंबे समय से अपरिवर्तित दंड राशि के कारण होने वाली कार्यवाही की बाधा भी दूर होगी। इसके साथ ही सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने जन विश्वास विधेयक का द्वितीय संस्करण लाकर कानूनी प्रक्रिया को और अधिक नागरिक-केंद्रित बनाने का प्रयास किया है। कैबिनेट के इन निर्णयों से राज्य में कानूनी प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और नागरिकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

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