Home » Chhattisgarh » The bathroom ceiling of Ravi Shankar Shukla University hostel collapsed, the management threatened the students
Raipur News: रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बाथरूम की गिरी छत, प्रबंधन ने छात्रों को दी धमकी….
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यूनिवर्सिटी में गुरुवार रात बाद हादसा हुआ पर प्रबंधन ने उल्टा छात्रों को हादसे की जानकारी न देने की धमकी दे डाली।
Publish Date - September 20, 2025 / 10:43 AM IST,
Updated On - September 20, 2025 / 10:43 AM IST
Raipur news
HIGHLIGHTS
पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के आजाद हॉस्टल की छत देर रात भरभराकर गिरी।
छत का भारी स्लैब बाथरूम और बरामदे में गिरा, छात्र डरे और सहमे हुए हैं।
हादसे में सौभाग्य से कोई छात्र हताहत नहीं हुआ, बड़ा हादसा टल गया।
Raipur News: रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के आजाद हॉस्टल में गुरुवार देर रात एक बड़ा हादसा हुआ। पर चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब कॉलेज प्रबंधन ने हादसे की जानकारी न देने की धमकी दे डाली। दरअसल, हॉस्टल में गुरुवार देर रात करीब ढाई से तीन बजे के बीच हॉस्टल के बाथरूम और बरामदे की छत का बड़ा हिस्सा भर-भराकर गिर गया। छत का भारी स्लैब सीधे बाथरूम, शौचालय और कॉरिडोर में आ गिरा। हादसे के समय अच्छी बात ये थी कि कोई छात्र वहां मौजूद नहीं था, वरना जानमाल की बड़ी हानि हो सकती थी। छात्रों ने बताया को सुबह 5 बजे से बच्चे कोचिंग या अन्य काम के लिए तैयार होने बाथरूम जाते हैं, अगर घटना कुछ घंटे बाद होती तो किसी की जान भी जा सकती थी।
कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को दी धमकी
हैरानी की बात यह रही कि, घटना के बाद हॉस्टल प्रबंधन ने छात्रों को धमकी दी कि अगर इस घटना की जानकारी बाहर दी गई तो उन्हें हॉस्टल से निकाल दिया जाएगा। इसी कारण से सूचना देर से सामने आई और कई घंटे तक यह गंभीर हादसा दबा रहा। छात्रों का कहना है कि यह हादसा लापरवाही का नतीजा है और प्रशासन इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दे रहा है।
यूनिवर्सिटी को NAAC से A ग्रेड प्राप्त हुआ
Raipur News: गौरतलब है कि हाल ही में इस यूनिवर्सिटी को NAAC से A ग्रेड प्राप्त हुआ था, जिसे विश्वविद्यालय की उच्च गुणवत्ता और प्रबंधन का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस तरह की लापरवाहियों और अव्यवस्थाओं ने इस ग्रेडिंग की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
फिलहाल, छात्र डरे हुए हैं और प्रबंधन की चुप्पी ने हालात को और भी चिंताजनक बना दिया है।