Home » Chhattisgarh » The demand for regularization of these employees of Chhattisgarh will be fulfilled! Marched on foot to the capital
छत्तीसगढ़ के इन कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग होगी पूरी! राजधानी के लिए किया पैदल मार्च
Regularization of Employees of Chhattisgarh: बस्तर क्षेत्र के सहायक आयुक्त और कलेक्टर ने दो माह में निमितीकरण मांग को पूरा करने का अश्वासन दिया था लेकिन आज दो माह बीत जाने के बाद भी मांग पूरा नहीं किया गया। जिसके बाद संगठन ने विधानसभा घेराव करने की योजना बनाई।
Publish Date - July 4, 2025 / 06:32 PM IST,
Updated On - July 4, 2025 / 06:32 PM IST
HIGHLIGHTS
नियमितीकरण की माँग को लेकर विधानसभा घेराव करने बस्तर से रायपुर कूच
दस साल सेवा देने के बाद आधे कर्मचारियों का नियमितीकरण
छात्रावास और आश्रम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की हुई थी भर्ती
धमतरी: Regularization of Employees of Chhattisgarh, एक सूत्रीय माँग को लेकर आश्रम छात्रावास चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के सैकड़ों सदस्यों ने राजधानी रायपुर के लिए पैदल मार्च किया है। इसी क्रम में आज वे धमतरी पहुंचे। संगठन नियमितीकरण की माँग को लेकर विधानसभा घेराव करने बस्तर से रायपुर कूच कर रहे हैं। जहां वे अपनी मांग रखेंगे। सवाल उठ रहा है कि क्या इन कर्मचारियों की मांग सरकार पूरी करेंगी।
छात्रावास और आश्रम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती
आपको बता दें कि बस्तर से करीब 250 किलोमीटर की पदयात्रा कर धमतरी पहुंचने के बाद प्रेस वार्ता करते हुए इन कर्मचारियों ने अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि बस्तर में विशेष पैकेज के तहत दस साल पहले छात्रावास और आश्रम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती किया गया था। दस साल सेवा देने के बाद आधे कर्मचारियों को नियमितीकरण किया गया है।
Regularization of Employees of Chhattisgarh, वहीं 107 कर्मचारियों को नियमितीकरण से वंचित किया गया है। जिसके विरोध में संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन बस्तर क्षेत्र के सहायक आयुक्त और कलेक्टर ने दो माह में निमितीकरण मांग को पूरा करने का अश्वासन दिया था लेकिन आज दो माह बीत जाने के बाद भी मांग पूरा नहीं किया गया। जिसके बाद संगठन ने विधानसभा घेराव करने की योजना बनाई।
वेतन नहीं मिलने से परेशानी
इसी के तहत पैदल मार्च करते हुए रायपुर विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया गया। और विरोध में बस्तर क्षेत्र के 107 आदिवासी कर्मचारियों करीब 250 किमी पैदल चलकर धमतरी पहुंचे और रायपुर के लिए रवाना हुए हैं। दस साल सेवा देने के बाद विभाग उनके साथ माँ और मौसी जैसा बर्ताव कर रहा है। जबकि ये आज भी लगातार सेवा दे रहे हैं लेकिन अभी तक नियमितीकरण नहीं होने से वेतन नहीं दिया जा रहा है। वेतन नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आश्रम छात्रावास चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन ने सरकार को तत्काल संज्ञान लेकर एक सूत्रीय माँग पर विचार कर तत्काल तत्काल प्रभाव से नियमित करने की माँग की है। बहरहाल देखना होगा कि सरकार इन कर्मचारियों को लेकर क्या कदम उठाती है।
ये बस्तर क्षेत्र के छात्रावास और आश्रमों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, जिन्हें दस साल पहले विशेष पैकेज के तहत अस्थायी रूप से नियुक्त किया गया था। इनकी एकमात्र मांग है—नियमितीकरण (permanent किया जाए), ताकि इन्हें स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा और सुविधाएं मिल सकें।
कितने कर्मचारी प्रभावित हैं और कितने नियमित हुए?
कुल भर्ती कर्मचारियों में से आधों को पहले ही नियमित कर दिया गया है, लेकिन 107 कर्मचारी अभी भी नियमितीकरण से वंचित हैं। इन्हीं कर्मचारियों ने अब प्रदर्शन और पैदल मार्च का रास्ता अपनाया है।
ये कर्मचारी विरोध क्यों कर रहे हैं और कहां जा रहे हैं?
दो माह पहले प्रशासन (सहायक आयुक्त और कलेक्टर) ने नियमितीकरण का आश्वासन दिया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके विरोध में कर्मचारी लगभग 250 किमी पैदल यात्रा कर रायपुर की ओर कूच कर रहे हैं, ताकि वे विधानसभा का घेराव कर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा सकें।
इन कर्मचारियों की स्थिति वर्तमान में कैसी है?
ये कर्मचारी लगातार सेवा दे रहे हैं, लेकिन नियमित नहीं होने के कारण वेतन नहीं मिल रहा। वित्तीय और पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।
क्या सरकार इनकी मांग पूरी कर सकती है?
सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन: कर्मचारी आंदोलन के दबाव में सरकार विधानसभा सत्र या कैबिनेट बैठक में इस पर विचार कर सकती है। यदि सामूहिक समर्थन और मीडिया कवरेज मिलता रहा, तो इस मुद्दे पर सरकार को जवाब देना पड़ सकता है। आदिवासी क्षेत्र और वंचित वर्ग से जुड़े होने के कारण यह मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील है।