Dongargarh Bamleshwari Mandir: डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसे श्रद्धालु, मंदिर ट्रस्ट ने की कार्रवाई की मांग

Dongargarh Bamleshwari Mandir: डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसे श्रद्धालु, मंदिर ट्रस्ट ने की कार्रवाई की मांग

  • Reported By: Dheeraj Sharma

    ,
  •  
  • Publish Date - October 1, 2025 / 02:33 PM IST,
    Updated On - October 1, 2025 / 04:43 PM IST

Dongargarh Bamleshwari Mandir/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • मां बम्लेश्वरी मंदिर विवाद,
  • गर्भगृह में घुसकर दान पेटी पर चढ़े लोग,
  • मंदिर ट्रस्ट ने थाने में दर्ज कराई FIR,

डोंगरगढ़: Dongargarh Bamleshwari Mandir:  आदिवासी समाज द्वारा आंगा देव को लेकर पंचमी भेंट के दौरान मां बम्लेश्वरी मंदिर के गर्भगृह में दानपेटी पर चढ़कर जबरन प्रवेश करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। इस घटना को लेकर मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति द्वारा डोंगरगढ़ थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है।

इस संबंध में ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने भवानी बहादुर सिंह और लाल विक्रम सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने उल्लेख किया कि 26 सितंबर को ध्रुव गोंड समाज द्वारा आंगा देव एवं मां बम्लेश्वरी देवी के पंचमी भेंट मिलन के दौरान अनावेदकगण एवं उनके साथियों ने जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया।  ऐसा कर मंदिर की पवित्रता और मर्यादा को भंग किया गया जिससे श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस घटना से सम्पूर्ण हिंदू समाज में आक्रोश व्याप्त है। ट्रस्ट समिति ने इस प्रकरण में उचित कार्रवाई की मांग की है।

Dongargarh Bamleshwari Mandir:  जब इस मामले में भवानी बहादुर सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि पंचमी के अवसर पर आदिवासी समाज के लोग नीचे स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में पहुंचे थे। उन्होंने आंगा देव और शक्ति की संयुक्त पूजा के लिए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया। इस दौरान पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहा जिसे लेकर नगरवासियों में नाराज़गी देखी गई।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1972 में खैरागढ़ के तत्कालीन राजा ने मंदिर ट्रस्ट का गठन कर डोंगरगढ़ के सनातन धर्म मानने वाले नागरिकों को मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी थी। तभी से ट्रस्ट समिति बायलॉज के अनुसार मां बम्लेश्वरी मंदिर की पूजा-पद्धति एवं संचालन का कार्य करती आ रही है। हर तीन वर्षों में ट्रस्ट का चुनाव भी नियमित रूप से संपन्न होता है।

यह भी पढ़ें

"डोंगरगढ़ मंदिर विवाद" क्या है?

"डोंगरगढ़ मंदिर विवाद" मां बम्लेश्वरी मंदिर के गर्भगृह में आदिवासी समाज द्वारा पंचमी भेंट के दौरान जबरन प्रवेश करने और मंदिर की मर्यादा भंग करने से जुड़ा मामला है।

"डोंगरगढ़ मंदिर विवाद" में शिकायत किसने दर्ज करवाई?

मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने भवानी बहादुर सिंह और लाल विक्रम सिंह के खिलाफ डोंगरगढ़ थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।

"डोंगरगढ़ मंदिर विवाद" में ट्रस्ट का क्या कहना है?

ट्रस्ट का आरोप है कि मंदिर की पवित्रता भंग की गई और मुकुट एवं श्रृंगार को अव्यवस्थित किया गया, जिससे सनातन धर्म के श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुईं।

"डोंगरगढ़ मंदिर विवाद" में पुलिस प्रशासन की क्या भूमिका रही?

स्थानीय लोगों के अनुसार, पुलिस प्रशासन घटना के समय मूकदर्शक बना रहा, जिससे नगरवासियों में नाराज़गी फैल गई।

"डोंगरगढ़ मंदिर विवाद" का ऐतिहासिक संदर्भ क्या है?

मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट का गठन 1972 में खैरागढ़ के राजा द्वारा किया गया था और तभी से सनातन धर्म अनुयायी ट्रस्ट के माध्यम से मंदिर का संचालन करते हैं।