Rajnandgaon News : रियासतकालीन तालाब बना मौत का सागर! पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र थी ये मछलियां, अब बनी लोगों की परेशानी की वजह
राजनांदगांव के ऐतिहासिक बूढ़ा सागर तालाब में सैकड़ों मछलियाँ मर रही हैं। दूषित पानी और ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियाँ सतह पर आ रही हैं और बदबू फैल रही है। स्थानीय लोग परेशान हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं।
- बूढ़ा सागर तालाब में सैकड़ों मछलियाँ मर रही हैं, पानी की सतह पर दिखाई दे रही हैं।
- मछलियों की बदबू से आसपास के लोग परेशान, स्वास्थ्य जोखिम बढ़ने की आशंका।
- प्रशासन की लापरवाही और तालाब की गंदगी समस्या का मुख्य कारण।
राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी राजनांदगांव में रियासतकाल से निर्मित बूढ़ा सागर तालाब से जुड़ा एक गंभीर मामला उजागर हुआ है। ऐतिहासिक तालाब में सैकड़ों मछलियाँ, जो कभी यहाँ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र थीं, अब मरती जा रही हैं। मरी हुई सभी मछलियाँ पानी की सतह पर आने लगी हैं, और यह सिलसिला लगातार जारी है। मछलियों की बदबू से आसपास के सभी लोग परेशान हैं, बावजूद इसके जिम्मेदार विभागों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
क्या है मछलियों के मरने की वजह?
Rajnandgaon News दरअसल, प्राचीन काल में निर्मित ऐतिहासिक बूढ़ा सागर तालाब अब दूषित हो चुका है। तालाब के चारों ओर गंदगी का आलम है, जिसकी वजह से पानी प्रदूषित हो रहा है। जल में घुली ऑक्सीजन की कमी हो गई है, जिसके चलते बूढ़ा सागर की लाखों मछलियाँ पानी की ऊपरी सतह पर आ गई हैं। ऊपरी सतह पर मछलियाँ अपने जीवन से संघर्ष कर रही हैं और अंततः मर रही हैं। यह सिलसिला यहाँ लगातार जारी है।
बदबू से लोगों को हो रही परेशानी
Rajnandgaon News मछलियों के मरने की वजह से यहाँ पर तेज बदबू फैल गई है। सड़क पर चलने वाले और आसपास रहने वाले लोगों को इस कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तालाब के पास शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय, माँ शीतला का प्राचीन मंदिर, अस्पताल और स्कूल स्थित हैं। मरी हुई मछलियों की बदबू से इन इलाकों में परेशानी बढ़ती जा रही है। यदि लंबे समय तक इन मछलियों को साफ नहीं किया गया, तो यहां विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ भी फैल सकती हैं।
गैर-जिम्मेदारी से बढ़ी परेशानी
शहर के समाजसेवी राकेश ठाकुर का कहना है कि ऐतिहासिक बूढ़ा सागर की साफ-सफाई को लेकर प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से पानी प्रदूषित हो गया है और मछलियाँ मर रही हैं। कुछ समय पूर्व इस तालाब को संवारने के लिए लाखों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन उसका सौंदर्यीकरण पूरा नहीं हो पाया। वहीं दूसरी ओर, बूढ़ा सागर की गंदगी को भी दूर नहीं किया जा सका, जिसके चलते यहाँ मछलियाँ मर रही हैं।
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