Chhindwara News: 15 दिन तक भूत-प्रेतों का लगता है मेला, मुक्ति पाने के लिए खींचे चले आते हैं…. रैय्यत बाबा के पेड़ पर अनोखा रीति-रिवाज

Chhindwara News: 15 दिन तक भूत-प्रेतों का लगता है मेला, मुक्ति पाने के लिए खींचे चले आते हैं.... रैय्यत बाबा के पेड़ पर अनोखा रीति-रिवाज

Chhindwara News: 15 दिन तक भूत-प्रेतों का लगता है मेला, मुक्ति पाने के लिए खींचे चले आते हैं…. रैय्यत बाबा के पेड़ पर अनोखा रीति-रिवाज

Chhindwara News/Image Source: IBC24


Reported By: Ajay Dwivedi,
Modified Date: November 6, 2025 / 04:36 pm IST
Published Date: November 6, 2025 2:49 pm IST
HIGHLIGHTS
  • छिंदवाड़ा का तालखमरा मेला
  • 15 दिन भूत-प्रेत और अंधविश्वास का खेल
  • भूत-प्रेत से मुक्ति के लिए जुटते हैं लोग

छिंदवाड़ा: Chhindwara News: लगता है यहां भूतों का मेला है। सैकड़ों वर्षों से परंपराओं का निर्वहन हो रहा है और आदिवासी अंचलों से बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। तालखमरा का यह मेला कार्तिक पूर्णिमा के बाद प्रारंभ होता है और 15 दिनों तक चलता है।

छिंदवाड़ा में भूतों का मेला (Talakhmara Mela 2025)

जुन्नारदेव विकासखंड के तालखमरा में अगहन माह में प्रेत बाधा और भूत उतारने की परंपरा है। पीड़ित परिवार सबसे पहले प्रेत बाधा से ग्रस्त व्यक्ति को तालाब में स्नान करवाता है और उसके बाद उसे रैय्यत बाबा के पास लगे पेड़ से बांधा जाता है। पडिहार रैय्यत बाबा के पास भूतों को मुक्त करता है। फिर परिवार मालन माई मंदिर में जाकर माता का पूजन-अर्चन करता है।

मेला में भूत बाधा से मुक्ति (Talakhmara Bhut Mela)

Chhindwara News:  यह मेला लगभग सैकड़ों वर्षों से चलता आ रहा है और राज्य के हर कोने से लोग यहां आते हैं। मंदिर समिति मेले का आयोजन करती है और प्रशासन इसे लेकर पूरी तैयारी करता है। पुलिस अधिकारी लगातार मेला व्यवस्था पर नजर रखते हैं। 15 दिनों तक चलने वाले इस मेले में भूत-प्रेत जैसी बाधाओं से मुक्ति दिलाई जाती है।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।