रायपुर: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज एक दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि 15वें वित्त आयोग के तहत इस साल छत्तीसगढ़ को 21 हज़ार करोड़ से ज्यादा की राशि प्रस्तावित है। राज्य सरकार को केंद्र से अच्छा-खासा पैसा मिल रहा है। गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार अपना हिस्सा तत्काल दे रही है लेकिन राज्य सरकार अपना हिस्सा ना देकर योजना वापस कर रही है जो गरीबों के साथ सरासर नाइंसाफी है। छत्तीसगढ़ को हर साल अधिक पैसा मिल रहा है। वहीं, सीतारण के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया।
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रायपुर दौरे पर आई केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। सीतारमण ने कहा कि छत्तीसगढ़ को 21 हज़ार करोड़ से ज्यादा की राशि प्रस्तावित है। राज्य सरकार को केंद्र से अच्छा-खासा पैसा मिल रहा है। गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार अपना हिस्सा तत्काल दे रही है लेकिन राज्य सरकार अपना हिस्सा ना देकर योजना वापस कर रही है जो गरीबों के साथ सरासर नाइंसाफी है। छत्तीसगढ़ को हर साल अधिक पैसा मिल रहा है। छत्तीसगढ़ को 286 करोड़ रुपए 50 साल के लिए बिना ब्याज का दिया गया है, उन्होंने केंद्र की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत 3-3 सिलेंडर मुफ्त दिए गए। छत्तीसगढ़ को करोड़ों की राशि तो सिलेंडर के लिए दी गई है। सीतारमण ने कहा कि छत्तीसगढ़ को GST की राशि नहीं दी जा रही है ऐसा नहीं है, सभी राज्यों का बकाया है। सेस वसूली के बाद सभी राज्यों को भुगतान किया जाएगा, छत्तीसगढ़ के लिए अलग से कोई फैसला नहीं लिया जाता।
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छत्तीसगढ़ सरकार को लेकर किए दावे के बाद कांग्रेस ने वित्तमंत्री को घेरा है। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने केंद्रीय वित्त मंत्री से पांच सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा कि छत्तीसगढ़ को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में मिलने वाली राशि और अलग-अलग मदों में राज्य को केंद्र से लेने वाली राशि कब तक मिलेगी। उन्होंने पूछा कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी कब तक कम करेंगी। उन्होंने पूछा कि नोटबंदी और जीएसटी से देश को क्या फायदा हुआ। नोटबंदी के बाद से बर्बाद हुई देश की अर्थव्यवस्था कब तक पटरी पर लौटेगी। आखिरी सवाल के रूप में उन्होंने पूछा कि देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी दर पर कब तक और कैसे लगाम लगेगी। राज्य सरकार GST क्षतिपूर्ति राशि और नोटबंदी जैसे मुद्दों को लेकर केंद्र को हमेशा से घेरती आई है। ऐसे में केंद्रीय वित्त मंत्री के दावों ने सियासत की चिंगारी को एक बार फिर भड़का दिया है।
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