Sai Cabinet Ke Faisle: खत्म हुई साय कैबिनेट की अहम बैठक, लिए गए कई बड़े फैसले, आप भी जानें यहां
Sai Cabinet Ke Faisle: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में चल रही साय कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हो चुकी है।
Sai Cabinet Ke Faisle/Image Credit: CG DPR
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई साय कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है।
- इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा के बाद मुहर लगाई गई है।
- डिप्टी सीएम अरुण साव ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी है।
रायपुर: Sai Cabinet Ke Faisle: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में चल रही साय कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हो चुकी है। साय कैबिनेट की इस बैठक में लंबी चर्चा के बाद कई अहम मुद्दों पर मुहर लगाई गई है। साय कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की है।
साय कैबिनेट की बैठक में लिए गए अहम निर्णय
1. आदिवासी व माडा पॉकेट क्षेत्र के हितग्राही परिवारों को चना वितरण
मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया है कि राज्य के अनुसूचित क्षेत्र एवं माडा पॉकेट क्षेत्र में रहने वाले अंत्योदय और प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत हर माह वितरित किए जाने वाले 2 किलो चना की आवश्यक मात्रा नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा NeML ई-ऑक्शन प्लेटफार्म के माध्यम से खरीदी जाएगी। यह खरीदी वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 0.25 प्रतिशत या इससे कम ट्रांजैक्शन/सर्विस चार्ज पर की जाएगी।
इसके साथ ही मंत्रिपरिषद ने कहा है कि जुलाई 2025 से नवंबर 2025 तक जिन हितग्राहियों ने चना नहीं लिया है, उन्हें पात्रतानुसार यह चना दिसंबर 2025 तक वितरित कर दिया जाए।
2. नवा रायपुर में आईटी हब को बढ़ावा
मंत्रिपरिषद ने नवा रायपुर में सूचना प्रौद्योगिकी (IT/IITS) उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए 90 एकड़ भूमि के भूखंड को रियायती प्रीमियम दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है। इस फैसले का उद्देश्य आईटी क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करना और औद्योगिक विकास को गति देना है। रियायती दर पर भूमि उपलब्ध होने से निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
इस पहल से नवा रायपुर में न सिर्फ तकनीकी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यहां की बसाहट और शहरीकरण की प्रक्रिया को भी बल मिलेगा। आईटी कंपनियों की स्थापना से क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएं विकसित होंगी, जिससे स्थानीय निवासियों को भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

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