Sarangarh Fraud Case: 8 साल तक चलती रही ठगी, रिटायर्ड शिक्षक के पेंशन खाते से पिता-पुत्र ने उड़ाए लाखों, केओस्क संचालक ने ऐसे लगाई सेंध

Sarangarh Fraud Case: 8 साल तक चलती रही ठगी, रिटायर्ड शिक्षक के पेंशन खाते से पिता-पुत्र ने उड़ाए लाखों, केओस्क संचालक ने ऐसे लगाई सेंध

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  • Publish Date - August 19, 2025 / 12:26 PM IST,
    Updated On - August 19, 2025 / 12:27 PM IST

Sarangarh Fraud Case/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • पेंशन खाते से करोड़ों की साजिश,
  • केओस्क संचालक ने ऐसे लगाई सेंध
  • रिटायर्ड शिक्षक से की 43 लाख की ठगी,

सारंगढ़-बिलाईगढ़: Sarangarh News: जिले के बिलाईगढ़ थाना क्षेत्र से एक बड़ा साइबर फ्रॉड मामला सामने आया है। गांव पवनी के इमरान खान और उसके पिता इब्राहिम खान ने मिलकर शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी आनंद राम वैष्णव और उनके परिजनों के बैंक खातों से लाखों की ठगी की है। Sarangarh Fraud Case

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Sarangarh Fraud Case:  पूरनलाल वैष्णव ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके पिता आनंद राम, जो 1992 में शिक्षा विभाग से रिटायर हुए थे उन्हें पेंशन मिलती थी। वर्ष 2016 से आरोपी इमरान खान, जो गांव में एसबीआई का केओस्क बैंक चलाता था, उसने बायोमेट्रिक सिस्टम का दुरुपयोग कर आनंद राम के खाते में एसआई सिस्टम एक्टिवेट कर दिया। इसके बाद हर महीने उनके पेंशन की राशि का बड़ा हिस्सा आरोपी के खातों में ट्रांसफर होता रहा।

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Sarangarh Fraud Case:  जांच में सामने आया कि 2016 से 2024 तक आनंद राम के खाते से करीब 29 लाख और उनके बेटे परेश्वर वैष्णव व बहू हेमलता वैष्णव के खातों से करीब 15 लाख यानी कुल 43 लाख रुपए ठगे गए। साइबर टीम ने आरोपी इब्राहिम खान को बलौदा बाजार से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कंप्यूटर सिस्टम, बायोमेट्रिक मशीन, पासबुक और दो एंड्रॉइड मोबाइल जब्त किए हैं। फिलहाल आरोपी को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर भेजा गया है।

"साइबर फ्रॉड क्या है" और यह कैसे होता है?

साइबर फ्रॉड एक डिजिटल धोखाधड़ी है जिसमें किसी की निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल कर बैंक खातों से पैसा निकाला जाता है। इसमें बायोमेट्रिक सिस्टम, OTP या केवाईसी डिटेल्स का दुरुपयोग किया जा सकता है।

"साइबर फ्रॉड की शिकायत" कहां और कैसे करें?

आप 1930 पर कॉल करके या cybercrime.gov.in वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

"बायोमेट्रिक धोखाधड़ी" से कैसे बचें?

कभी भी अपने अंगूठे का निशान, आधार नंबर, या OTP किसी के साथ साझा न करें। बैंकिंग कार्यों के लिए सिर्फ अधिकृत स्थानों पर ही बायोमेट्रिक सत्यापन करवाएं।

"केओस्क बैंक फ्रॉड" से कैसे सतर्क रहें?

केओस्क ऑपरेटर से हर लेनदेन की रसीद लें और नियमित रूप से अपने बैंक स्टेटमेंट की जांच करें।

"पेंशनधारियों के साथ साइबर फ्रॉड" क्यों बढ़ रहा है?

पेंशनधारियों के पास नियमित आय होती है और वे तकनीकी रूप से कम जागरूक हो सकते हैं, जिससे साइबर अपराधी उन्हें आसान निशाना बना लेते हैं।