रायपुर: कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत की पहल पर प्रशासन ने तत्परता से सेलम में बंधक बनाकर रखे गए श्रमिकों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तमिलनाडु के सेलम की बालाजी इंडस्ट्रीज़ में लगभग 250 श्रमिक बंधक बनाकर रखे गए हैं। उन श्रमिकों ने जैसे-तैसे मंत्री अमरजीत भगत से संपर्क करने में सफलता हासिल की और अपनी बदहाली के बारे में बताया। मंत्री अमरजीत भगत को फोन करने वाले शिकायतकर्ता सप्पू तिर्की भार्गव ने बताया कि उन्हें एक फैक्टरी में बंधक बनाकर रखा ज़बरदस्ती काम कराया जा रहा है, बाहर आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। मंत्री अमरजीत भगत को शिकायतकर्ता ने अपनी बदहाली के बारे में बताया कि उन्हें खाने-पीने की भी समस्या हो रही है।
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सारी बातें बात मंत्री अमरजीत भगत के संज्ञान में आते ही उन्होंने बिना देरी किये, श्रमायुक्त अमृत खल्को से बात की और उचित कार्यवाही के निर्देश दिये। निर्देशानुसार सरगुजा जिला कलेक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। सेलम में बंधक बनाए गए 250 लोगों में महिला और पुरुषों के साथ-साथ बच्चे भी थे। ओड़िशा का सत्या अगरिया नाम का एक दलाल इन्हें उक्त फैक्टरी में रोज़गार के लिये ले गया था। जिस श्रमिक ने मंत्री अमरजीत भगत से संपर्क किया था उसे ये भी नहीं मालूम था कि वो कहाँ है? उसने व्हाट्सएप के माध्यम से लोकेशन साझा किया तो पता चला कि वो लोग तमिलनाडु के सेलम में हैं।
बंधक बनाए गए श्रमिक अधिकांश छत्तीसगढ़ के और सभी सरगुजा और जशपुर के हैं। इनमें से कुछ मंत्री अमरजीत भगत के निर्वाचन क्षेत्र सीतापुर के तहत आने वाले बतौली के श्रमिक भी हैं। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बालाजी रबर इंडस्ट्रीज के मालिक द्वारा उन्हें पिछले 3-4 महीनों से बंधक बनाकर रखा गया है। मंत्री अमरजीत भगत लगातार इस मामले में अपडेट ले रहे हैं, ताकि बंधकों को छुड़ाकर जल्द से जल्द वापस लाया जाए। हाल ही में ऐसी ही और घटना हुई थी जब श्रमिकों को बंधक बनाए जाने की खबर मिली थी। कोरोना काल में भी ऐसे मंत्री अमरजीत भगत की पहल पर छत्तीसगढ़ से बाहर फँसे श्रमिकों वापस लाया गया था।
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