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CG News: छत्तीसगढ़ के ऐसे सरकारी कर्मचारियों को 20 अगस्त तक कराना होगा भौतिक परीक्षण, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
CG News: सभी संदिग्ध कर्मचारियों को 20 अगस्त 2025 तक राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का अनिवार्य भौतिक परीक्षण कराने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं।
Publish Date - July 26, 2025 / 11:37 PM IST,
Updated On - July 26, 2025 / 11:47 PM IST
HIGHLIGHTS
अधिकारियों को 20 अगस्त को कोर्ट में उपस्थित रहने के निर्देश
तीन वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहा दिव्यांग संघ
राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का अनिवार्य भौतिक परीक्षण
बिलासपुर: CG News, फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के सहारे सरकारी नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ अब हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सभी संदिग्ध कर्मचारियों को 20 अगस्त 2025 तक राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का अनिवार्य भौतिक परीक्षण कराने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं।
कोर्ट ने कहा है कि जो भी कर्मचारी जांच नहीं कराएंगे, उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा कि उन्होंने मेडिकल बोर्ड के समक्ष परीक्षण क्यों नहीं कराया। कोर्ट ने चेताया है कि यदि तय समय सीमा के भीतर जांच नहीं कराई जाती, तो संबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों को 20 अगस्त को कोर्ट में उपस्थित रहने के निर्देश
हाईकोर्ट ने सभी विभागों के इंचार्ज अधिकारियों को 20 अगस्त को कोर्ट में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके विभाग में कार्यरत सभी संदिग्ध कर्मचारी निर्धारित तिथि तक मेडिकल जांच कराएं। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो संबंधित अधिकारियों की भूमिका भी जांची जाएगी।
तीन वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहा दिव्यांग संघ
CG News, बता दें कि दिव्यांग संघ भी पिछले तीन वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहा है। संघ का आरोप है कि कई ऐसे लोग सरकारी नौकरी में चयनित हुए हैं जो असल में दिव्यांग नहीं हैं, लेकिन फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए उन्होंने आरक्षण का लाभ उठाया।
उत्तर: हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी संदिग्ध दिव्यांग कर्मचारी जो फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं, वे 20 अगस्त 2025 तक राज्य मेडिकल बोर्ड से भौतिक परीक्षण (Physical Verification) कराएं। यह जिम्मेदारी प्रत्येक विभाग के इंचार्ज अधिकारियों की है कि वे यह सुनिश्चित करें।
अगर कोई कर्मचारी मेडिकल जांच नहीं कराता तो क्या होगा?
उत्तर: ऐसे कर्मचारियों को लिखित रूप से स्पष्टीकरण (explanation) देना होगा कि उन्होंने जांच क्यों नहीं कराई। यदि कोई वैध कारण नहीं पाया गया तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें सस्पेंशन, सेवा समाप्ति, या दंडात्मक कार्रवाई भी शामिल हो सकती है।
संबंधित विभागों और अधिकारियों की भूमिका क्या होगी?
उत्तर: हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सभी विभागाध्यक्षों को 20 अगस्त को कोर्ट में उपस्थित रहना होगा। यदि उनके विभाग के किसी कर्मचारी ने जांच नहीं कराई, तो उन अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी और उन्हें भी जांच के दायरे में लाया जाएगा।
यह मामला शुरू कैसे हुआ और कौन-से पक्ष इसमें शामिल हैं?
उत्तर: यह मामला दिव्यांग संघ की ओर से लगातार तीन वर्षों से उठाया जा रहा था। संघ का आरोप था कि फर्जी प्रमाणपत्र के माध्यम से गैर-दिव्यांग लोग दिव्यांग कोटे में नौकरी पा रहे हैं, जिससे असली पात्र उम्मीदवारों का हक मारा जा रहा है।