Reported By: Rajesh Raj
,रायपुरः Chhattisgarh News: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा सिरप कांड के बाद अब छत्तीसगढ़ से भी एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में छोटे बच्चों को दी जा रही पैरासिटामोल सिरप की गुणवत्ता घटिया निकली है। इस सिरप की बोतलों में एक्सपायरी से पहले ही बड़े-बड़े थक्के पाए गए हैं। हैरत की बात तो यह कि इन सबके बाद भी यह सिरप अस्पतालों में वितरित की जा रही थी। आईबीसी 24 के इस खुलासे के बाद अब स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक यह घटिया दवा 9M कंपनी द्वारा सप्लाई की गई है और इसका वितरण रायपुर के सरकारी अस्पतालों में किया जा रहा है। यह वही कंपनी है, जिसकी पैरासिटामोल टैबलेट्स को पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है। उन टैबलेट्स पर ब्लैक फंगस जैसे धब्बे पाए गए थे, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माने जाते हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह घटिया सिरप छोटे बच्चों को दिया जा रहा है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कम होती है।
सरकारी अस्पतालों में ऐसी घटिया दवा का वितरण होने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
Chhattisgarh News: बता दें कि मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में इस तरह का मामला सामने आया है। यहां गलत सिरप पिलाने के 9 बच्चों की मौत हो गई। जांच में सामने आया है कि बच्चों को बीमार होने के बाद जो खांसी की सिरप दी गई, उसमें व्हीकल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाला केमिकल एथिलीन ग्लाइकॉल और डाइएथिलीन ग्लाइकॉल मिला हुआ था। यह जहरीला केमिकल है, जिसे गाड़ियों के कूलेंट और एंटी फ्रीज प्रोसेस में इस्तेमाल किया जाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी थोड़ी-सी मात्रा भी किडनी और दिमाग को बुरी तरह नुकसान पहुंचा देती है।