सरगुजा । मानवता को शर्मशार करने वाला ये मामला सामने आया है सरगुज़ा में जहां नवजात का शव उनके परिजनों के इंतजार में शव गृह में रखा गया है। मगर अब तक परिजन बच्ची का शव लेने नही पहुच सके है। दरअसल 20 मई को बलरामपुर के रहने वाले एक गायत्री नाम की महिला को प्रसव पीड़ा के कारण अम्बिकापुर मेडिकल कालेज में दाखिल कराया गया। जहां महिला ने जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया। एक बच्ची तो पूरी तरह स्वस्थ थी मगर एक बच्ची प्री मैच्योर होने के कारण कमजोर थी जिसे इलाज के लिए अस्पताल प्रबंधन ने एसएनसीयू में दाखिल कर दिया।
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इस बीच बच्ची के माँ बाप एक बच्ची को लेकर चले गए जबकि कमजोर बच्ची की देखभाल अस्पताल प्रबंधन लगातार कर रहा था मगर करीब 6 दिन बाद 26 मई को बच्ची ने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इस बीच बच्ची का कोई भी अटेंडर मौजूद नही था। यही नही जब बच्ची ने दम तोड़ दिया तब शव हैंडओवर के लिए भी प्रबंधन ने परिजनों की तलाश की मगर कोई सामने नही आयाष ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल कालेज अस्पताल चौकी को इसकी सूचना देते हुए बच्ची के शव को मर्चुयरी में रखवा दिया है।
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इधर पुलिस ने भी संबंधित थानाक्षेत्र में सूचना देकर परिजनों से संर्पक करने की कोशिश की जा रही है। मगर एक बात सबको परेशान कर रही है कि मेडिकल कालेज में इलाज बिल्कुल मुफ्त किया जाता है। ऐसे में पैसे की परेशानी दंपत्ति को नही हो सकती। ऐसे में क्यो दंपत्ति एक बच्चे को अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच छोड़कर गए जहां बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। बच्ची जीते जी अपने माँ बाप का तो इंतजार करती ही रही मगर मौत के बाद भी उसे माँ का आँचल नशीब नही हो रहा। बहरहाल दंपत्ति ने ऐसा क्यों किया इसका जवाब दंपत्ति के आने के बाद ही पता चल सकेगा मगर देखना होगा कि आखिर एक नवजात के शव को लेने आखिर उसके ही माँ बाप कब तक आते है।
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