रायगढ़: Raigarh News : जिले के सरपंचों ने शासन से विकासकार्यों के लिए दी गई राशि का आहरण तो कर लिया लेकिन उस राशि से निर्माण कार्य करने की वजह खुद ही गबन कर लिया। एक दो नहीं बल्कि 59 ऐसे पूर्व सरपंच हैं, जिनसे जिला पंचायत को 52 लाख रुपए की राशि वसूलनी है। खास बात यह है कि इनमें से 21 की तो मौत भी हो चुकी है। बाकी जनप्रतिनिधि उक्त राशि को ना तो जमा कर रहे हैं ना ही जिला पंचायत उनसे राशि की रिकवरी कर पा रहा है। आलम यह है कि 11 पूर्व सरपंचों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है, लेकिन नतीजा से सिफर है।
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Raigarh News : दरअसल रायगढ़ जिले में पूर्व के कार्यकाल में 13वें और 14वें वित्त आयोग से पंचायतों को राशि दी गई थी। इस राशि को उन्हें गांव में सड़क पानी बिजली जैसे मूलभूत विकास कार्यों पर खर्च करना था। राशि सरपंच और सचिवों के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी होती थी। जैसे-जैसे काम की प्रगति होती वैसे-वैसे राशि का आहरण होना था लेकिन जिले के कई सरपंचों ने बिना काम किए ही राशि का आहरण कर लिया। ऐसे में उनके खाते में राशि की रिकवरी पेंडिंग पड़ी है। वर्तमान में जिले के 59 पूर्व सरपंच व सचिवों से जिला पंचायत को 52 लाख से अधिक रिकवरी करनी है। इसमें सबसे अधिक घरघोड़ा ब्लॉक के 5 पूर्व सरपंचों से 23 लाख 56 हजार, लैलूंगा ब्लाक के 13 पूर्व सरपंचों से 12 लाख 38 हजार, रायगढ़ ब्लॉक के 13 पूर्व सरपंच सचिवों से 6 लाख 59 हजार , पुसौर के 16 पूर्व सरपंच सचिवों से 4 लाख 84 हजार, खरसिया के 3 पूरे सरपंचों से 1 लाख 54 हजार, धर्मजयगढ़ के 6 पूर्व सरपंचों से 3 लाख 87 हजार की रिकवरी करनी है।
कई बार नोटिस जारी होने के बाद भी राशि जमा नहीं करने पर इनमें से 11 के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। हालांकि मामले में फिर भी नतीजा सिफर है। मामले में जिला पंचायत सीईओ का कहना है की राशि पूर्व के कार्यकाल की है। क्योंकि कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है लिहाजा राशि की रिकवरी के लिए एसडीएम के माध्यम से उनकी संपत्ति की कुर्की का नोटिस जारी किया गया है। राजस्व विभाग के माध्यम से रिकवरी के प्रयास किए जा रहे हैं। हर महीने की टीएल बैठक में इसका रिव्यु लिया जा रहा है। राशि की रिकवरी के प्रयास किया जा रहे हैं।