Bilaspur High Court News: ‘ये क्या मजाक है?’ बिना मान्यता 12 साल तक चल रहे स्कूलें, भड़के हाईकोर्ट ने कहा- यह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है

Bilaspur High Court News: ‘ये क्या मजाक है?’ बिना मान्यता 12 साल तक चल रहे स्कूलें, भड़के हाईकोर्ट ने कहा- यह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है

Bilaspur High Court News: ‘ये क्या मजाक है?’ बिना मान्यता 12 साल तक चल रहे स्कूलें, भड़के हाईकोर्ट ने कहा- यह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है

Bilaspur High Court News | Photo Credit: IBC24

Modified Date: August 5, 2025 / 10:29 pm IST
Published Date: August 5, 2025 10:28 pm IST
HIGHLIGHTS
  • हाईकोर्ट ने बिना मान्यता स्कूल संचालन पर सरकार को लगाई फटकार
  • यह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है
  • 2013 से नर्सरी स्कूलों के लिए मान्यता लेना जरूरी था

बिलासपुर। Bilaspur High Court News बिना मान्यता के स्कूल संचालन को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। शिक्षा सचिव के छुट्टी में रहने के कारण संयुक्त सचिव शिक्षा ने मंगलवार को शपथ पत्र प्रस्तुत कर बताया कि पांच सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 2013 में लागू किए गए नर्सरी शालाओं के मान्यता लेने वाले अधिनियम को रद्द किए जाने का प्रस्ताव है।

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Bilaspur High Court News इस शपथ पत्र पर चीफ जस्टिस भड़क गए। उन्होंने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि जो भी आप लोग बदलाव करेंगे, वह बदलाव की तिथि के बाद से लागू होगा, ना कि पहले से। कोर्ट ने सवाल उठाया कि 2013 से तो नर्सरी स्कूलों के लिए भी मान्यता लेने का प्रावधान था। पर स्कूलों ने 12 साल बिना मान्यता के स्कूल कैसे चला लिए? यह क्या मजाक है कि पहले आपने खुद नियम बनाया कि नर्सरी से लेकर ऊपर की कक्षाओं के लिए अनुमति लेने का प्रावधान है और जब कहीं फंस गए तो कह रहे हैं कि नर्सरी के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है।

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बता दें कि पिछली सुनवाई में शिक्षा सचिव ने शपथ पत्र में कहा था कि नर्सरी स्कूलों को मान्यता की जरूरत नहीं होती। जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने नियमों को दिखाते हुए बताया था कि सन 2013 से नर्सरी स्कूलों को मान्यता लेने का अधिनियम है। इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए शिक्षा सचिव से दूसरा शपथ पत्र मांगा था। चीफ जस्टिस ने कहा कि 2013 से अनुमति का नियम है जब हमने संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू की तब आपको ध्यान आया।

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25 जुलाई को कमेटी बनी और दो दिनों में रिपोर्ट भी आ गई,वो भी 2013 की । चीफ जस्टिस ने सरकार की तरफ से खड़े वकील से नाराजगी जताते हुए कहा कि आप लोगों का विजन क्लियर नहीं है आप लोग क्या पॉलिसी बनाते हैं? क्या नोटिफिकेशन होता है, इससे जनता को और राज्य को क्या फायदा होगा? कुछ भी क्लियर नहीं है। मैं आप लोगों की प्रॉब्लम समझ रहा हूं, जब आपने देखा कि यह बड़े लोग है और नियमों के पालन करने पर 12 साल बिना मान्यता के स्कूल चलाने पर इनका स्कूल बंद हो जाएगा, इनको मुआवजा देना होगा।

क्रिमिनल केस बनेगा तब आपको लगता है कि इनको बचाना पड़ेगा और आपने कह दिया की मान्यता की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा- जिन्होंने बिना मान्यता के 12 साल स्कूल चलाए, उन्होंने बच्चों और पेरेंट्स के साथ फ्रॉड किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई करिए और हमें बताइए। 28 जुलाई 2025 को आपकी रिपोर्ट आई उसके बाद नर्सरी स्कूलों के लिए मान्यता लेने का प्रावधान नहीं होगा यह आप लागू कर सकते हैं पर इससे पहले 2013 से मान्यता लेने का प्रावधान था और बिना मान्यता लिए स्कूल चलाने वालों ने अपराध तो किया है, हम बच्चों के भविष्य के साथ नहीं खेल सकते।


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