SIR Second Phase
रायपुर: SIR Second Phase प्रदेश में SIR प्रक्रिया शुरू और सियासी बयान भी शुरू हो चुकी है। सत्तासीन बीजेपी ने प्रक्रिया का स्वागत किया है। इसकी बारीकी समझने एक विशेष सत्र रखा, तो विपक्ष ने मुद्दे पर अभी से भृकुटियां तान दी हैं। आयोग और बीजेपी दोनों पर नसीहत के तीर छोड़े हैं। कांग्रेस हो या बीजेपी दावा दोनों का है कि वो SIR पर पूरी बारीकी से नजर रख रहे हैं। विपक्ष खामियों के लिए तो सत्तापक्ष गड़बड़ियों के लिए। सवाल है क्या इससे किसी एक दल को लाभ या हानि हो सकता है ?
SIR Second Phase भारतीय निर्वाचन विभाग की घोषणा के मुताबिक देशभर में SIR यानि स्पेशन इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भी शामिल है। राज्य की मतदाता सूची की सफाई के लिए शुरू किए गए SIR अभियान के लिए,राजधानी रायपुर समेत प्रदेश भऱ में BLO घर-घर दस्तक देना शुरू कर चुके हैं। साथ ही मुद्दे पर सियासी बयान गर्माने भी शुरू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि, हम SIR का स्वागत करते हैं, अच्छा है कि प्रदेश में SIR हो रहा है।
विपक्ष ने प्रक्रिया का विरोध तो नहीं किया लेकिन इस पर नसीहत देता जरूर नजर आया। PCC चीफ दीपक बैज ने कहा कि EC को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ SIR करना चाहिए, ये मतदाताओं के सत्यापन की प्रक्रिया है ना कि किसी का नाम काटने की। इसमें बीजेपी को चुनाव आयोग का प्रवक्ता बनने की कोशिश नहीं करना चाहिए। जवाब में डिप्टी CM ने कहा केवल आयोग,बीजेपी ही नहीं, एजेंट्स और आम जनता को भी प्रक्रिया की हर स्तर पर नजर रखना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार मतदाता हैं, तो 24 हजार 371 मतदान केंद्र जबकि सभी सियासी दलों के कुल 38 हजार 338 पार्टी एजेंट्स एक्टिव हैं। राज्य के 33 जिलों में 467 ERO/AERO नियुक्त हैं। एक तरफ विपक्ष बीजेपी को SIR पर नसीहत दे रहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी SIR को लेकर बेहद सतर्क है। कल रायपुर में BJP मुख्यालय में इसे लेकर बड़ा ट्रेनिंग सेशन रखा गया है। जिसमें सभी विधायक और पदाधिकारी शामिल होंगे…वैसे नजर रखने का दावा कांग्रेस ने भी किया है। सवाल है क्या प्रदेश में SIR को लेकर विपक्ष के पास वाकई कोई शंका या आपत्ति है या ये सब महज राहुल गांधी के आरोपों की लाइन को आगे बढ़ाने की मजबूरी है?