जारी है कोयले पर जंग, केंद्र बनाम राज्य में तब्दील हो रही कोल संकट और बिजली कटौती की लड़ाई | The war on coal continues, the fight for coal crisis and power cuts is turning into center vs state

जारी है कोयले पर जंग, केंद्र बनाम राज्य में तब्दील हो रही कोल संकट और बिजली कटौती की लड़ाई

जारी है कोयले पर जंग, केंद्र बनाम राज्य में तब्दील हो रही कोल संकट और बिजली कटौती की लड़ाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : October 13, 2021/10:12 pm IST

रायपुर। देश में कोयले की कमी की चर्चाओँ के बीच छत्तीसगढ़ का राजनीतिक माहौल गरमा गया है.. बढ़ते कोल संकट और बिजली कटौती के बीच लड़ाई अब केंद्र बनाम राज्य में तब्दील होती दिख रही है.. मौजूदा हालात के लिए छत्तीसगढ़ समेत कई राज्य केंद्र को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं..तो वहीं केंद्रीय कोयला मंत्री ने संकट के लिये राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है.. बहरहाल सियासी आरोप-प्रत्यारोप से इतर बड़ा सवाल है कि.. कोल संकट के लिए जिम्मेदार कौन है.. राज्यों के पास कोयला की किल्लत क्यों हुई.. आखिर कौन सच्चा है और कौन झूठा..

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देश में कोयले की कमी से घमासान मचा हुआ है.. एक के बाद एक कई राज्यों में कोयले की कमी से सियासी पारा भी चढ़ने लगा है..हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से भरोसा दिया जा रहा है कि हालात पर जल्द काबू पा लिया जाएगा..कोयले की कमी से आए बिजली संकट और उसे लेकर हो रही सियासत के बीच केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी छत्तीसगढ़ पहुंचे..और कोयला खदानों का निरीक्षण कर कोल इंडिया और SECL के अधिकारियों की बैठक ली..

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इससे पहले बिलासपुर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से कहा कि देश में पर्याप्त कोयला उपलब्ध है..कहीं बिजली संकट नहीं होगी…केंद्र ने मामले में यू टर्न लिया तो मुख्य़मंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री के दौरे को लेकर निशाना साधा कि.. केंद्र सरकार कहती है, कोयले का कोई कोई संकट नहीं है, अगर संकट नहीं है तो कोयला मंत्री छत्तीसगढ़ क्यों आ रहे हैं..केंद्र को सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए..कोयला संकट के बीच केंद्रीय मंत्री के दौरे को लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्र पर निशाना साधा तो… पलटवार करने बीजेपी नेताओं ने भी मोर्चा संभाला..और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए..

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केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रहे घमासान में बिजली का संकट लगातार बना हुआ है.. देश में त्योहार का मौसम है..दशहरा और फिर दीवाली.. ऐसे में बिजली संकट एक बड़ी समस्या बनती नजर आ रही है..जिसपर सियासत तेज है…कोई जिम्मेदारी लेने को तेयार नहीं है..केंद्र सरकार लगातार दावा कर रही है..जल्द ही इस बिजली संकट से निजाद मिल जाएगा..लेकिन बड़ा सवाल है कि .. आखिर क्या है कोयले की कमी का सच.. आखिर कौन है इसका जिम्मेदार ..क्या सच में कोयले की कमी विकराल रूप लेने वाला है…