मुंबई, छह दिसंबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को कहा कि यह समय ‘‘संवैधानिक मूल्यों को कुचलने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ने का है।’’
सपकाल ने साथ ही संविधान निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर द्वारा परिकल्पित भारत के विचार को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
सपकाल डॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मुंबई के दादर क्षेत्र में शिवाजी पार्क स्थित ‘चैत्यभूमि’ गये।
उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान आज भी राष्ट्र का मार्गदर्शन कर रहा है। लेकिन कुछ ताकतें इन संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध उठ खड़ी हो रही हैं। संविधान की आकांक्षा के अनुरूप भारत के निर्माण के लिए इन ताकतों से लड़ना आवश्यक हो गया है।’’
सपकाल ने कहा कि गुलामी और शोषण दुनियाभर के समाज पर कलंक थे और डॉ. आंबेडकर ने समानता और न्याय का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने गरीबों, वंचितों और शोषितों के लिए लड़ाई लड़ी और संविधान के माध्यम से समानता के बीज बोए।
एक मेट्रो स्टेशन का नाम डॉ. आंबेडकर के नाम पर रखने की मांग पर सपकाल ने आरोप लगाया, ‘‘मेट्रो स्टेशनों के नाम उन उद्योगपतियों के नाम पर रखे गये हैं जो चुनावी बॉन्ड के जरिए सरकार को पैसे देते हैं। इसलिए यदि मांग उचित भी हो, तो भी भाजपा सरकार शायद इससे सहमत न हो।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि सार्वजनिक परियोजनाओं के नामकरण में उस क्षेत्र की विरासत को प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आंबेडकर के लिए इंदु मिल में निर्माणाधीन स्मारक के पूर्ण होने में हो रही देरी को लेकर दावा किया, ‘‘जिन परियोजनाओं से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा लाभ मिलता है, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। समुद्र में शिवाजी महाराज का स्मारक और इंदु मिल में बाबासाहेब का स्मारक बनाने में जानबूझकर देरी की जा रही है।’’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि मुंबई के दादर इलाके में इंदु मिल में डॉ. आंबेडकर के भव्य स्मारक का निर्माण अगले साल छह दिसंबर तक पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
सपकाल ने इंडिगो की उड़ान में व्यवधान के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, ‘‘भाजपा सरकार ने निजी कंपनियों को खुली छूट दे दी है। कोई नियंत्रण नहीं है और यात्रियों का शोषण किया जा रहा है। इंडिगो की घटना भाजपा सरकार की विफलता और लापरवाही को उजागर करती है।’’
भाषा धीरज देवेंद्र
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