Bastar Chhattisgarh Tourism: नक्सल प्रभाव नहीं बल्कि पर्यटन होगी बस्तर की असली पहचान.. सरकार ने किया बजट में 100 करोड़ रु का प्रावधान.. पढ़ें संभावनाएं

बस्तर में पर्यटन की अपार संभावनाओं के बावजूद, व्यवस्थित पर्यटन विकास न होने के कारण विदेशी पर्यटक अब भी यहाँ आने से कतराते हैं। पर्यटन नीति में सुधार और रणनीतिक निवेश से न केवल बस्तर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया जा सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

Bastar Chhattisgarh Tourism: नक्सल प्रभाव नहीं बल्कि पर्यटन होगी बस्तर की असली पहचान.. सरकार ने किया बजट में 100 करोड़ रु का प्रावधान.. पढ़ें संभावनाएं
Modified Date: March 4, 2025 / 05:20 pm IST
Published Date: March 4, 2025 5:19 pm IST
HIGHLIGHTS
  • छत्तीसगढ़ बजट में पर्यटन को बढ़ावा, बस्तर विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान
  • चित्रकूट जलप्रपात में बनेगा ग्लास ब्रिज, बस्तर पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
  • यूनESCO ने धूमडारास को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम घोषित किया, बस्तर की पहचान हुई मजबूत

Tourism service facilities will be developed in Bastar: दुबई: इस बार छत्तीसगढ़ के बजट में पर्यटन को विशेष महत्व दिया गया है। सरकार ने पर्यटन के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसमें बस्तर पर विशेष फोकस किया गया है। नक्सलवाद से मुक्त होने के बाद बस्तर में औद्योगिक गतिविधियों के साथ-साथ पर्यटन भी स्थानीय लोगों के रोजगार का मुख्य जरिया बन सकता है। अब बस्तर, पर्यटन के जरिए न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बना सकता है।

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100 करोड़ रुपये का प्रावधान

सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे पर्यटन गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बस्तर में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। चित्रकूट, तीरथगढ़, कांगेर और इंद्रावती टाइगर प्रोजेक्ट ही नहीं, बल्कि ढोलकल, बारसूर सहित एक दर्जन से अधिक ऐसे पुरातात्विक महत्व के स्थल हैं, जिनका पर्यटन विकास करने पर बस्तर की पूरी तस्वीर बदल सकती है।

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Tourism service facilities will be developed in Bastar: इसके अलावा, बस्तर का आदिवासी संस्कृति और परंपराएँ भी पर्यटन का एक प्रमुख आकर्षण रही हैं। यहाँ के दशहरा मेले, मड़ई उत्सव और अन्य पारंपरिक आयोजन विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं। नक्सली गतिविधियों में कमी आने से अब पर्यटन विकास को गति मिलेगी। पिछले कुछ वर्षों में बस्तर पर्यटन के क्षेत्र में एक बड़े मॉडल के रूप में उभरा है, जिसमें होटल और ट्रांसपोर्ट जैसे कारोबारों का विकास हुआ है।

यूनेस्को द्वारा धूमडारास को “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम” का दर्जा दिया गया है, जहाँ स्थानीय समुदाय पर्यटन के जरिए रोजगार प्राप्त कर रहा है। इसी मॉडल पर अन्य पर्यटन स्थलों के विकास के लिए सरकार ने बजट में विशेष प्रावधान किए हैं, जिससे बस्तर में वर्षों से अधूरी पड़ी परियोजनाओं पर भी काम हो सकता है।

इनमें नए होमस्टे का निर्माण, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पर्यटन केंद्रों तक पहुँच मार्गों का विकास, स्वास्थ्य और सुरक्षा सुविधाओं का विस्तार शामिल है। इसके अलावा, चित्रकूट जलप्रपात में ग्लास ब्रिज जैसी विश्व स्तरीय सुविधाएँ विकसित करने की योजना है। लंबे समय से प्रस्तावित ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट भी अधूरा है, जिससे उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से आने वाले पर्यटक रेल मार्ग के जरिए बस्तर तक आसानी से पहुँच सकें। इससे बस्तर में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

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Tourism service facilities will be developed in Bastar: हालाँकि, बस्तर में पर्यटन की अपार संभावनाओं के बावजूद, व्यवस्थित पर्यटन विकास न होने के कारण विदेशी पर्यटक अब भी यहाँ आने से कतराते हैं। पर्यटन नीति में सुधार और रणनीतिक निवेश से न केवल बस्तर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया जा सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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