Tribals now have 32% reservation in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को अब 32% आरक्षण, समाज के पदाधिकारियों ने सीएम भूपेश का जताया आभार

छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को अब 32% आरक्षण, सीएम भूपेश का जताया आभारः Tribals now have 32% reservation in Chhattisgarh

Edited By :   Modified Date:  December 4, 2022 / 10:50 PM IST, Published Date : December 4, 2022/10:45 pm IST

रायपुरः Tribals now have 32% reservation मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज शाम राजधानी स्थित उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुलाकात के दौरान हाल ही में 2 दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण के संबंध में पारित विधेयक पर अभूतपूर्व उत्साह के साथ मुख्यमंत्री का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आदिवासियों सहित समाज के सभी वर्गों के हित संरक्षण के लिए हमारी सरकार द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है। आदिवासियों सहित सभी वर्गों के विकास में यह विधेयक मील का पत्थर साबित होगा।

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Tribals now have 32% reservation मुख्यमंत्री बघेल ने प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में सभी वर्गों के साथ-साथ आदिवासी समुदाय के विकास और कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है। इनमें प्रमुखता से समाज के कमजोर वर्ग सहित आदिवासियों के उत्थान तथा उन्हें अधिकार संपन्न बनाने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने आरक्षण के मुद्दे पर आदिवासी समाज को स्पष्ट रूप से भरोसा दिलाया था कि राज्य में इस मामले में आदिवासी निश्चिंत रहे, उन्हें 32 प्रतिशत् आरक्षण का लाभ जरूर दिलाया जाएगा। इसके लिए हमारी सरकार द्वारा हरसंभव पहल की गई और विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर इसे पारित कराया गया।

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मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार का मुख्य फोकस गांव, गरीब, किसान और आदिवासियों, वनवासियों पर है। खासतौर से आदिवासियों को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने काम किया है। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को पहला पूर्ण आदिवासी जिले के रूप में गठित किया गया। इसी कड़ी में मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर का भी गठन किया गया है। आदिवासी व वनवासियों को आरक्षित क्षेत्र में अधिकार प्रदान करते हुए व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किए जा रहे हैं।

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वनवासी क्षेत्र में ग्राम सभा को शक्ति सम्पन्न बनाने पेसा कानून बनाकर लागू किया गया। लघु वनोपजों पर निर्भर वनवासियों की आर्थिक समृद्धि और उन्हें संबल बनाने के लिए सरकारी स्तर पर सात प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी को 65 प्रकार के लघुवनोपज तक बढ़ा दिया गया है। तेंदूपत्ता के समर्थन मूल्य को 25 सौ रुपये से बढ़ाकर चार हजार रुपये तक कर दिया गया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत अगस्त 2020 से की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार अब न सिर्फ लघुवनोपजों की खरीदी कर रही है, बल्कि उनका स्थानीय स्तर पर ही प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन का कार्य भी किया जा रहा है, जिससे वनवासियों के रोजगार एवं आय में कई गुना की बढ़ोत्तरी हुई है।

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इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में भारत सिंह, बी.पी.एस. नेताम, फूलसिंह नेताम, गणेश सिंह ध्रुव, डॉ. शंकर लाल उईके, आर.एन. ध्रुव, कुन्दन सिंह ठाकुर, लोकेन्द्र सिंह कुमर्रा, श्रीमती बसंता ठाकुर, फूलसिंह ठाकुर, सुदर्शन सिंह, मनोहर ठाकुर, दौलत कुंजाम, जग्गूसिंह ठाकुर, छबिलाल नेताम, सुरेश खुसरो, राकेश मिंज, सुशील खलखो, डॉ. वेदमति मण्डावी, उत्तरा मरकाम आदि शामिल थे।