Maa Singhvahini Kanker: एक ही मूर्ति पर विराजमान है माता के दो रूप, मिलता है दो देवियों का आशीर्वाद, कलश विसर्जन को लेकर है अनोखी मान्यता

Maa Singhvahini Kanker: एक ही मूर्ति पर विराजमान है माता के दो रूप, मिलता है दो देवियों का आशीर्वाद, कलश विसर्जन को लेकर है अनोखी मान्यता

Maa Singhvahini Kanker: एक ही मूर्ति पर विराजमान है माता के दो रूप, मिलता है दो देवियों का आशीर्वाद, कलश विसर्जन को लेकर है अनोखी मान्यता

Maa Singhvahini Kanker

Modified Date: October 23, 2023 / 11:35 am IST
Published Date: October 23, 2023 11:30 am IST

Maa Singhvahini Kanker: पूरे जिले में शारदीय नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सभी मंदिरों की शानदार सजावट की गई है। इसी के साथ कांकेर जिले में स्थित मां सिंहवाहिनी मंदिर में भक्तों को मां दुर्गा और काली का आशीर्वाद एक साथ मिलता है।  यही वजह है कि दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए सिंहवाहिनी मंदिर में आते हैं।

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एक मूर्ति में विराजमान है माता के दो रूप

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मां सिंहवाहिनी मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि ऐसा मंदिर भारत में सिर्फ दो ही है जहां एक ही मूर्ति में मां काली और मां दुर्गा विराजमान है। पहला मंदिर कांकेर में है और दूसरा मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकात्ता में है। मां सिंहवाहिनी मंदिर का निर्माण, कांकेर के राजा नरेश पदुम देव ने 1876 में कराया था। सिंहवाहिनी की प्रतिमा, एक पत्थर की दुर्लभ मूर्ति है। साल 1984 से सिंहवाहिनी माता के दर पर ज्योति कलश भी जलने लगा।

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Maa Singhvahini Kanker : साल 1924 में इस मंदिर का कायाकल्प कराया गया। राजा कोमल देव और राजा भानुप्रताप देव के शासनकाल में इस मंदिर की पूजा पद्धिति में बदलाव आया। 14 अगस्त 1969 में भानुप्रताप देव की मृत्यु के बाद इस मंदिर को बंद कर दिया गया था।  बाद में इसे भक्तों की मांग पर खोल दिया गया। ऐसी मान्यता है कि यहां ज्योति कलश के विसर्जन पर देवी पुजारी के शरीर में विराजित हो जाया करती थी।

 

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