शह मात The Big Debate: खाद पर सियासी विवाद..सदन से सड़क तक फरियाद, क्या इस सीजन में किसानों को DAP खाद मिल पाएगी? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Politic: खाद पर सियासी विवाद..सदन से सड़क तक फरियाद, क्या इस सीजन में किसानों को DAP खाद मिल पाएगी? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Politics | Photo Credit: IBC24
- किसानों को DAP खाद नहीं मिल रहा, सहकारी समितियों में भारी किल्लत
- सदन में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस, मंत्री के जवाबों पर उठे सवाल
- 20 जुलाई के बाद DAP की सप्लाई सिर्फ सहकारी समितियों को देने का सरकार का वादा
रायपुर: CG Politics खरीफ का सीजन तेजी से आगे बढ़ रहा है..खाद की कमी किसान हर रोज महसूस कर रहे हैं। सहकारी समितियों में लंबी कतारें लग रही हैं। समय पर खाद का मिलना बेहद जरूरी है। सड़क से सदन तक बस एक ही फरियाद खाद, खाद, खाद। इस पर शोर भी हो रहा है और सियासी विवाद भी लेकिन समाधान नहीं। DAP की सप्लाई ना के बराबर है। सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए दूसरे विकल्प सुझा रही है, तो विपक्ष सवाल उठा रहा है कि सरकार खुद कालाबाजारी करने वालों का साथ दे रही है। जाहिर है कि मुद्दा किसानों का है सो सियासी शोर कुछ ज्यादा है। सदन में गूंजे इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष के पास हैं ढेर सारी दलीलें और आंकड़े और विपक्ष के पास ढेर सारे सवाल और आरोप सवाल ये है कि खाद पर सियासी फसाद जरूरी है या खाद के फौरी इंतजाम?
CG Politics छ्तीसगढ़ विधानसभा के मॉनसून सत्र का चौथा दिन DAP खाद के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ गया। पक्ष-विपक्ष की बहस के बीच सरकार ने बताया कि, प्रदेश में इस बार 3 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा DAP की जरुरत है लेकिन अब तक स्टॉक आया सिर्फ 174 लाख मीट्रिक टन का सहकारी सोसायटी में DAP है नहीं लेकिन खुले मार्केट में उंचे दाम पर खाद उपलब्ध है। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कृषि मंत्री से पूछा कि 30 जून तक प्रदेश की स्थिति क्या है, विपक्ष ने पूछा कि प्रदेश में 108 लाख मीट्रिक टन DAP भंडारण था। इसमें कितना हिस्सा निजी व्यापारियों को दिया गया और कितना सहकारी सोसायटी को मिला। कृषि मंत्री ने इसका गोल-मोल जवाब देते हुए बताया कि अब तक 64 फीसदी सहकारी सेक्टर को, और 36 फीसदी निजी क्षेत्र को दिया गया है। साथ ही ये ऐलान भी किया कि आगे 20 जुलाई तक DAP डीएपी की जो नई खेप आ रही है, उसे पूरा का पूरा सहकारी समिति को दिया जाएगा। हालांकि सदन के बाहर IBC24 के कैमरे पर कहा कि आगे 80-20 के हिसाब से खाद को सहकारी और निजी क्षेत्र में बांटा जाएगा।
हालांकि, विपक्ष ने कृषि मंत्री के जवाब पर ये कहते हुए आपत्ति जताई कि पूर्व CM भूपेश बघेल के सवाल पर, कृषि विभाग ने जानकारी दी है कि 30 जून के स्टॉक में, निजी क्षेत्रों को सहकारी समितियों से ज्यादा DAP दिया गया, जिसकी कालाबाजारी हुई। सभी विपक्षी सदस्यों ने मुद्दे पर गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी की। जिससे सभी सदस्य निलंबित हो गए। शोरगुल के चलते सदन की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी।
तो सदन में कृषि मंत्री जी के जवाब से ही साफ है कि DAP खाद की उपलब्धता जरूरत से काफी कम रही है आगे भी पूरी जरूरत के हिसाब से आना संभव नहीं दिख रहा। सवाल ये है कि क्या वाकई अब से कृषि मंत्री के सदन में घोषणा के मुताबिक आने वाला पूरा का पूरा DAP स्टॉक सहकारी समितियों में पहुंचेगा। सवाल ये भी क्या विपक्ष इसे अपना सियासी हथियार बना रहा है?

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