भोपाल। राज्य सरकार प्रदेश की आंगनबाड़ियों में 6 साल तक के बच्चों के वजन और कद की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए अब मोबाइल खरीदकर नहीं देगी। प्रदेश में सीधे 76283 आंगनबाड़ी वर्करों के खाते में मोबाइल खरीदने का पैसा डाला जाएगा। प्रत्येक आंगनबाड़ी वर्कर के खाते में 10 हजार रुपए डाले जाएंगे। करीब 76 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वे अपनी पसंद का मोबाइल खरीद सकेंगी। इसके लिए गुरुवार को 9 वीं बार टेंडर कैंसिल हुए हैं।
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केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करों को मोबाइल देने के लिए पोषण अभियान में करोड़ों का बजट दिया है, लेकिन प्रदेश में दो साल से आंगनबाड़ी वर्कर को मोबाइल नहीं मिला है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में पोषण अभियान की शुरूआत की थी। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में 6 साल तक के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की निगरानी के लिए आंगनबाड़ी वर्करों को मोबाइल फोन देने का फैसला लिया था।
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सभी आंगनबाड़ी केंद्र में प्रत्येक बच्चे का वजन और उंचाई मोबाइल फोन में हर महीने केंद्र के कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) अपलोड करना थी। प्रमुख सभी राज्यों में डेटा अपलोड करने के साथ रियल टाइम मानिटरिंग शुरू हो चुकी है। बड़े राज्यों ने कोरोनाकाल में आंगनबाड़ी वर्करों को घर भेजकर बच्चों के वजन करवाकर मोबाइल से मानिटरिंग तक शुरू करवा दी है, लेकिन मध्यप्रदेश में काम शुरू नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार ने विभाग को समीक्षा के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि जनवरी तक मोबाइल से मानिटरिंग शुरू नहीं होने पर असफल राज्यों की श्रेणी में डाल देंगे।
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