एक गांव ऐसा भी…जहां पानी के लिए लाठी-डंडों का सहारा

एक गांव ऐसा भी...जहां पानी के लिए लाठी-डंडों का सहारा

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  • Publish Date - March 30, 2019 / 04:53 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

विदिशा। आजादी के 72 साल के बाद ऐसे दृश्य शायद कम ही देखने को मिलते होंगे, जहां हैंडपंप के पानी के लिए लाठियों से सुरक्षा करते ग्रामीणों के ये दृश्य सिस्टम पर और योजनाओं पर साथ ही जनप्रतिनिधियों पर एक जोरदार तमाचा है। जी हां विदिशा जिले के नक्शे में ग्यारसपुर तहसील का एक गांव ऐसा है जहां भारी जल संकट का नजारा देखने को मिल जाएगा। इस गांव की आबादी एक हजार है और हैंडपंप एक है, हालांकि यहां कुल 3 हैंडपंप थे जिसमें से दो पूरी तरह से खराब पड़े हैं। और एक ही हैंडपंप चालू है, जिस पर पूरा गांव पानी के लिए एकत्रित हो जाता है।

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अक्सर हैंड पंप पर भारी भीड़ एकत्रित होने से गांव में विवाद की स्थिति बन जाती है। महिलाएं और बच्चे यहां रात से ही पानी भरना शुरू कर देते हैं। यहां के पुरुषों ने विवाद को कम करने के लिए और पानी भरने के लिए हैंड पंप की लाठियों से सुरक्षा का रास्ता खोज लिया है। जब इनकी महिलाएं हैंड पंप क्रम से पानी भरते हैं तो उनके पुरुष पति लट्ठ लेकर उनकी सुरक्षा करते हैं। पानी की किल्लत के चलते बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। इसका कारण यही है कि बहुत दूर से पानी लाकर महिलाएं थक जाती हैं जिससे घर का काम भी प्रभावित होता है लिहाजा बच्चों को इसमें जुटा दिया जाता है।

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ग्यारसपुर ब्लॉक के पुरागुसांई पंचायत का गांव इन दोनों भारी जल संकट के दौर से गुजर रहा है। यहां लगभग एक हजार लोगों की आबादी को समेटे हुए यह गांव पहाड़ के नजदीक बसा है यहां आदिवासी सहित अन्य समाजों के लोग निवास करते हैं। मूलभूत सुविधाओं की मुख्य धारा से कटा हुआ पुरागुसांई अपने आप को विकास के नाम से ठगा सा महसूस करता है। यहां ना तो सुविधाजनक सड़के हैं और ना ही जीवन यापन करने के लिए कुछ अन्य व्यवस्था है। ग्रामीणों का कहना है कि, भले ही देश को आजाद हुए 72 वर्ष हो चुके लेकिन आज भी हमें आजादी जैसी कोई सुविधाएं गांव में मौजूद नहीं है ग्रामीणों की सबसे मुख्य समस्या है गांव में सड़कों का ना होना, और उससे बड़ी वर्तमान में जो समस्या ग्रामीणों के सामने आ रही है वह पानी की समस्या है गांव में पीएचई की 3 हैंडपंप संचालित होने बताया गया है लेकिन दो बंद पड़े हुए हैं एक हैंडपंप के भरोसे पूरी बस्ती के लोग निर्भर है।