भोपाल: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आम बजट पेश किया। केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद पूरे देश के लोगों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। जहां भाजपा नेता इस विकास और सबको खुशियां देने वाला बजट बता रहे हैं तो वहीं, विपक्ष के नेता इसे निराशाजनक बजट बता रहे हैं। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने भी बजट 2020 पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आज देश की वित्त मंत्री द्वारा पेश आम बजट का भाषण लंबा ज़रूर है लेकिन पूरी तरह से आँकड़ो का मायाजाल होकर,देश के लिये निराशाजनक व हवाई सपने दिखाने वाला है।
इसमें गाँव-ग़रीब-किसान-युवा -रोज़गार – महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ भी नहीं है।
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सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि आज देश की वित्त मंत्री द्वारा पेश आम बजट का भाषण लंबा ज़रूर है लेकिन पूरी तरह से आंकड़ो का मायाजाल होकर, देश के लिये निराशाजनक व हवाई सपने दिखाने वाला है। इसमें गांव-ग़रीब-किसान-युवा -रोज़गार – महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ भी नहीं है।
बेरोज़गारी दूर करने के लिये व युवाओं को रोज़गार देने का कोई ज़िक्र तक इस बजट में नहीं है।
किसानो की आय दोगुनी के हमेशा की तरह एक बार फिर खोखले सपने इसमें दिखाये गये है।
इसमें कई पुरानी योजनाओं को सजाकर दोबारा शामिल किया गया है।
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देश के विकास , प्रगति के रोडमैप का एवं गिरती अर्थव्यवस्था व महंगाई को रोकने की कार्ययोजना का पूरी तरह से अभाव इस बजट में नज़र आया है।
देश का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में बसता है , उसकी पूरी तरह से उपेक्षा इस बजट में की गयी है।
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बेरोज़गारी दूर करने के लिये व युवाओं को रोज़गार देने का कोई ज़िक्र तक इस बजट में नहीं है। किसानो की आय दोगुनी के हमेशा की तरह एक बार फिर खोखले सपने इसमें दिखाये गये है। इसमें कई पुरानी योजनाओं को सजाकर दोबारा शामिल किया गया है।
जितने झूठे सपने पिछले सभी बजट में अभी तक मोदी सरकार ने देश को दिखाये है , जिसकी मोदी भक्त खुल कर तारीफ़ करते थे , यदि वो सब पूरे हुए होते तो देश की अर्थव्यवस्था की यह दुर्गति कभी नहीं देखने को मिलती।
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देश के विकास , प्रगति के रोडमैप का एवं गिरती अर्थव्यवस्था व महंगाई को रोकने की कार्ययोजना का पूरी तरह से अभाव इस बजट में नज़र आया है। देश का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में बसता है, उसकी पूरी तरह से उपेक्षा इस बजट में की गयी है।
प्रदेश की केंद्रीय करो में मिलने वाले हिस्सेदारी में 11,556 करोड़ की कटौती पुनरीक्षित अनुमान में की गयी है , पिछली 2,677 करोड़ की कटौती मिलाकर यह 14,233 करोड़ कुल हो गयी है।
प्रदेश के हितो के साथ यह कुठाराघात है।
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जितने झूठे सपने पिछले सभी बजट में अभी तक मोदी सरकार ने देश को दिखाये है , जिसकी मोदी भक्त खुल कर तारीफ़ करते थे , यदि वो सब पूरे हुए होते तो देश की अर्थव्यवस्था की यह दुर्गति कभी नहीं देखने को मिलती।
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प्रदेश की केंद्रीय करो में मिलने वाले हिस्सेदारी में 11,556 करोड़ की कटौती पुनरीक्षित अनुमान में की गयी है , पिछली 2,677 करोड़ की कटौती मिलाकर यह 14,233 करोड़ कुल हो गयी है। प्रदेश के हितो के साथ यह कुठाराघात है।