मध्यप्रदेश की सौर ऊर्जा से दौड़ रही दिल्ली की मेट्रो ट्रेन, नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में 9 वर्षों में हुई 10 गुना वृद्धि

मध्यप्रदेश की सौर ऊर्जा से दौड़ रही दिल्ली की मेट्रो ट्रेन, नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में 9 वर्षों में हुई 10 गुना वृद्धि

  •  
  • Publish Date - February 12, 2021 / 11:05 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

छतरपुर: नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि प्रदेश में पिछले 9 सालों में नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में दस गुना वृद्धि हुई है। प्रदेश में वर्ष 2012 में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता 491 मेगावॉट थी जो वर्ष 2020 में बढ़कर 5042 मेगावॉट हो गई है। इसमें पवन ऊर्जा की 2444 मेगावॉट, सौर ऊर्जा की 2380, बायोमास की 119 और लघु जल विद्युत परियोजना से 99 मेगावॉट बिजली शामिल है। डंग ने कहा प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि देश की सबसे बड़ी रीवा जिले की अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना की बिजली से दिल्ली की मेट्रो रेल दौड़ रही है।

Read More: सिस्टर चांदनी धनगर ने किया 1 हजार लोगों का वैक्सीनेशन, सफाईकर्मी को लगाया था पहला टीका

उल्लेखनीय है कि यू.एन.ई.पी. की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि वर्तमान गति से परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों का उपयोग किया जाता रहा तो संभव है 2050 तक ग्रीनहाऊस गैसों का उत्सर्जन दुगना हो जायेगा। ऐसे मे नवकरणीय ऊर्जा पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिये बेहतर विकल्प के रूप में सामने आयी है। नवकरणीय ऊर्जा प्राकृतिक अक्षय ऊर्जा स्त्रोत जैसे सूर्य, पवन, जल, बायोमास आदि से उत्पन्न की जाती है। विश्व में लगातार बढ़ रही जनसंख्या के कारण ईंधन की लागत बढ़ने के साथ परम्परागत ईंधन भण्डारों में भी निरन्तर कमी होती जा रही है। नवकरणीय ऊर्जा ऐसे में कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जैसे पारम्पारिक ऊर्जा स्त्रोत पर निर्भरता कम करने में सक्षम है।

Read More: बोधघाट परियोजना का विरोधः CM भूपेश ने कहा आदिवासियों के खेत में पानी कैसे पहुंचे विकल्प बताएं, BJP ने उनकी जमीन छीनने का प्रयास किया, हमने अधिकार दिया