नक्सल ऑपरेशन की सफलता के बावजूद 1 को छोड़कर 7 पुलिसकर्मियों को दी गई थी पदोन्नति, अशफाक अंसारी को मिला हाईकोर्ट से न्याय

नक्सल ऑपरेशन की सफलता के बावजूद 1 को छोड़कर 7 पुलिसकर्मियों को दी गई थी पदोन्नति, अशफाक अंसारी को मिला हाईकोर्ट से न्याय

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  • Publish Date - October 22, 2019 / 12:52 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

बिलासपुर। नक्सली साहित्य व विस्फोटक पदार्थ पकड़वाने वाले एसआई के पक्ष में उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। नक्सलियों को पकड़वाने वाले सूत्रधार एसआई को उच्च न्यायालय ने देर से पदोन्नति देने की वजह से प्रभावित वरिष्ठता पर आदेश जारी करते हुए कहा है, कि जिस दिन से ऑपरेशन में शामिल टीम के दूसरे सदस्यों को दी गई है पदोन्नति उसी दिन से याचिकाकर्ता अशफाक अहमद अंसारी को पदोन्नति दी जाए ।

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मामला रायपुर के डीडी नगर थाने का है। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ अशफाक अहमद अंसारी को 2008 में सुंदर नगर में नक्सलियों की मूवमेंट की जानकारी मिली थी। एस आई अशफाक ने जब मौके पर मौजूद कार की तलाशी ली तो उसमें उन्हें विस्फोटक सामग्री मिली। इसकी सूचना मिली। सूचना मिलने के तत्काल बाद जब अशफाक अहमद मौके पर पहुंचे लेकिन नक्सलियों को उनके आने की भनक हो जाने की वजह से वे वही कहीं छिप गए। मौके पर पहुंचने के बाद अशफाक अंसारी ने कार की तलाशी के दौरान कार में से विस्फोटक पदार्थ, ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस व नक्सली साहित्य बरामद किया।

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तलाशी के बाद अशफाक अहमद ने अपने अधिकारियों को मामले की सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने वहां छिपे आठ नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया। डीजीपी ने इस उपलब्धि के लिए ऑपरेशन टीम के अशफाक अहमद को छोड़कर बाकी 7 सदस्यों को पदोन्नति दे दी । पदोन्नति नहीं दिए जाने के बाद अशफाक अहमद ने विभाग में आवेदन दाखिल किया जिसके बाद 2009 में उन्हें पदोन्नति दी गई। लेकिन देर से प्रदान की गई पदोन्नति की वजह से उनकी वरिष्ठता प्रभावित हो रही थी इसको लेकर उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। मामले में सुनवाई करने के बाद जस्टिस गौतम भादुरी की कोर्ट ने टीम के अन्य सदस्यों को जिस तिथि से पदोन्नति दी गई । याचिकाकर्ता को उसी दिन से पदोन्नत करने का 90 दिनों के भीतर आदेश जारी किया है। साथ ही वरिष्ठता प्रदान करने का भी निर्देश जारी किया है।

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