IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021 : कभी नक्सली संगठन के साथ थीं, आज कर रहीं डटकर मुकाबला, सरिता पुनेम ने पेश की असाधारण क्षमता की मिसाल | IBC24 Nari Ratna Award 2021: Ever with Naxalite organization Today, there is a tough competition Sarita Punem set an example of extraordinary ability

IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021 : कभी नक्सली संगठन के साथ थीं, आज कर रहीं डटकर मुकाबला, सरिता पुनेम ने पेश की असाधारण क्षमता की मिसाल

IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021 : कभी नक्सली संगठन के साथ थीं, आज कर रहीं डटकर मुकाबला, सरिता पुनेम ने पेश की असाधारण क्षमता की मिसाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : March 6, 2021/10:21 am IST

रायपुर।  बीजापुर की सरिता पुनेम…जो नक्सल मोर्चे पर माओवादियों से लोहा ले रही हैं। नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन में शामिल सरिता, पहले खुद नक्सल संगठन का हिस्सा थीं।

बीजापुर के नक्सल प्रभावित डूंगा गांव की रहने वाली सरिता का बचपन मुश्किल हालात में बीता। अभावों के बीच 9वीं तक पढ़ाई की, इसी बीच नक्सलियों ने सरिता पूनेम को संगठन में शामिल होने पर मजबूर कर दिया। करीब 14 साल माओवादियों के साथ काम करके सरिता समझ गईं कि, जिस संघर्ष के नाम पर वो जुड़ीं वो भटक चुका है। सरिता ने हिम्मत जुटाई और अपने पति के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। सरिता का ये कदम ना केवल बेहद साहसी भरा रहा, बल्कि उनके जैसी तमाम महिला नक्सलियों को नई राह भी दिखा दी, सरिता के हौसले को IBC24 भी सलाम करता है।
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महिलाओं की असाधारण क्षमता की मिसाल है बीजापुर की सरिता पुनेम। सरिता नक्सल प्रभावित दुर्गम इलाके बीजापुर के डूंगा गांव की रहने वाली हैं। सरिता मुश्किल हालात में भी कई किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल पढ़ने जाया करती थी। पढ़ने लिखने की उनकी उत्सुकता की वजह से वह बड़ी आसानी से 9वीं कक्षा में पहुंच गई। लेकिन इस बीच नक्सलियों ने नीति बदली और अपने संगठन में पढ़े-लिखे युवाओं को भर्ती करने लगे। नाबालिग सरिता को नक्सल संगठन में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।
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करीब 14 साल नक्सल संगठन में मुश्किल हालात में काम करने के बाद उन्हें लगा कि वो जिस संघर्ष में शामिल हैं वो सही नहीं है। इसके बाद अपने पति के साथ सरिता ने आत्मसमर्पण कर दिया। मुश्किल हालात में भी जीने की ललक ने उसके जीवन की नई दिशा दी। आत्मसमर्पण करने के बाद अब अपने परिवार को वक्त देने के साथ ही वह नक्सलियों से लोहा लेने को तैयार है। नारायणपुर की महिला कमांडो के रूप में कई बड़े ऑपरेशन में अन्य महिला साथियों के साथ सरिता शामिल हो रही हैं।

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