#IBC24AgainstDrugs: ड्रग्स गैंग पर कसा शिकंजा, लेकिन क्लब के किंग्स पर नकेल कब?

#IBC24AgainstDrugs: ड्रग्स गैंग पर कसा शिकंजा, लेकिन क्लब के किंग्स पर नकेल कब?

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  • Publish Date - October 30, 2020 / 05:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

रायपुर: नशे के खिलाफ हमारे चैनल IBC24 ने एक मुहिम छेड़ी, जिसमें नशे के अड्डों पर खुलेआम बिकते हर तरह के नशे की तस्वीरें दिखाईं। नशे के सौदागरों के खिलाफ पुलिस एक्शन का अपडेट भी दिया। जहां-जहां अनदेखी, लापरवाही और रसूख का दबाव दिखा उसपर भी खुलकर बोला। मुस्तैदी से पकड़ में आए पैडलर्स का पूरा कच्चा चिट्ठा भी खोला। शुक्रवार को राजधानी पुलिस को ड्रग्स केस में एक और कामयाबी मिली। पुलिस ने मुंबई से उस ड्रग स्मगलर को धर-दबोचा जो पूरे प्रदेश में ड्रग्स की सप्लाई करता था। ये मामले में 16वीं गिफ्तारी है। एक तरफ पूरे नेक्सस पर पुलिसिया एक्शन की तस्वीर है, तो दूसरी तरफ एक महीने से ऊपर बीत जाने के बाद भी क्वींस क्लब के रसूखदार संचालकों के आगे बौने दिख रहे प्रशासन की सवाल उठाती तस्वीर भी है।

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राजधानी रायपुर समेत आसपास के जिलों में फैले ड्रग नैक्सेस की कमर तोड़ने में रायपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। कोकीन और एमडीएमए ड्रग सप्लाई मामले में पुलिस ने 16वीं गिरफ्तारी की है। पुलिस ने मुंबई के सांताक्रुंज इलाके से नाइजीरिया मूल के ड्रग पैडलर्स को गिरफ्तार किया है। मामले का खुलासा करते हुए ASP लखन पटले ने दावा किया कि गिरफ्तार नाइजीरियन ड्रग स्मगलर पैट्रिक यूबीके बावको छत्तीसगढ़ में ड्रग सप्लाई चेन की भारत में अंतिम कड़ी है, जो पूर्व में गिरफ्तार मुंबई के ड्रग तस्कर निवासी रायडन बथेलो के माध्यम से रायपुर और बिलासपुर से गिरफ्तार ड्रग पैडलर विकास बंछोर, श्रेयांस छाबक, अभिषेक शुक्ला, निकिता पंचाल और मिन्हाज मेमन को कोकीन और MDMA ड्रग सप्लाई करता था। ये लोग ड्रग पैडलर संभव पारख और हर्षदीप जुनेजा जैसे होटल,नाइट क्लब और हुक्का बार से जुड़े लोगों को ड्रग सप्लाई करते थे।

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इधर ड्रग मामले को लीड कर रही आईपीएस अंकिता शर्मा ने बताया कि जो लोग या संस्थाएं ड्रग खरीदने या बेचने मामले में संदिग्ध पाए गए हैं, वो लगातार पुलिस के सर्विलांस में रहेंगे। इसके साथ ही होटल, नाइट क्लब, हुक्का बारों में भी पुलिस की नजर रहेगी और ये अभियान लगातार जारी रहेगा।

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एक ओर जहां ड्रग नैक्सेस को तोड़ने में रायपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। युवाओं को नशे के आगोश में धकेलने वाले आरोपियों पर पुलिस लगातार कार्रवाई करती दिख रही है। वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान तमाम नियम कानूनों को ठेंगे पर रखकर क्वींस क्लब के संचालकों ने वहां पार्टी करवाई, शराब पिलाई, बार खोले, लेकिन सब कुछ सामने होने के बाद भी जिला प्रशासन बाकी दूसरी कार्रवाई करना तो दूर बार लाइसेंस तक रद्द नहीं कर सका। इसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
जैसे क्वींस क्लब में अवैध शराब पार्टी मामले में आबकारी विभाग अब तक मौन क्यों? एक महीने बाद भी क्वींस क्लब का बार लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किया गया? कार्रवाई के नाम पर आबकारी विभाग नोटिस-नोटिस कब तक खेलेगा? क्लब को सील करने के बाद कार्रवाई पर ब्रेक क्यों लग गई? नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले क्लब के संचालकों पर मेहरबानी क्यों?

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सवाल ये भी कि जिला प्रशासन और आबकारी विभाग कुछ कार्रवाई करना भी चाहता है या सिर्फ कार्रवाई की आड़ में आरोपी को वक्त दे रहा है। ताकि वो अपने बचाव में कुछ और व्यवस्था कर सकें। जानकार बताते हैं कि इस मामले में बार लाइसेंस तुरंत रद्द हो जाना था, साथ ही आबकारी विभाग को अपनी ओर से एफआईआर भी दर्ज करवाना था। लेकिन रसूख के आगे जिला प्रशासन की कार्रवाई भी कुंद पड़ती जा रही है।

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