संविदा कर्मचारियों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, शुरू हुई नियमितिकरण और नौकरी में वापस बुलाने की कवायद | MP Government Starts Process Regularization of Samvida Employee

संविदा कर्मचारियों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, शुरू हुई नियमितिकरण और नौकरी में वापस बुलाने की कवायद

संविदा कर्मचारियों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, शुरू हुई नियमितिकरण और नौकरी में वापस बुलाने की कवायद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:01 PM IST, Published Date : August 20, 2019/5:20 pm IST

भोपाल: मध्य प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को कमलनाथ सरकार ने बड़ी राहत देने जा रही है। सीएम कमलनाथ ने प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर मर्ज करने का फैसला लेने के साथ हटाए गए संविदाकर्मियों को वापस नौकरी पर रखने का ऐलान किया है। नियमित पदों पर मर्ज करने के लिए सरकार ने सभी विभागों से उनके कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों का डाटा मांगा है। पांच साल में हटाए जा चुके पांच हजार कर्मचारियों को वापस बुलाने की कवायद भी शुरू हो गई है।

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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के 77 हजार संविदाकर्मियों की मांग अब पूरी होने जा रही है। संविदाकर्मी पिछले 12 साल से नियमित करने की मांग कर लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं। चुनाव होते रहे, सरकारें आती गईं, लेकिन संविदाकर्मियों की नियमित करने की मांग पूरी होना तो दूर इससे पहले इसके लिए प्रयास ही नहीं किए गए।विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। कांग्रेस की सरकार आते ही कमलनाथ ने इस संबंध में काम करने के आदेश दिए। इस बीच मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर कमलनाथ ने समिति बनाकर इस संबंध में निर्णय लेने का आदेश दिया है। सीएम के आदेश पर इस दिशा में काम चल रहा है।

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जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने इस संबंध में कहा है कि संविदाकर्मियों की मांगें पूरी करने के लिए सरकार ने सभी विभागों से उनके विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों की जानकारी मांगी है। संविदाकर्मियों की ये भी मांग है कि पिछले पांच साल में पांच हजार से अधिक हटाए गए कर्मचारियों की सेवाएं भी बहाल किया जाए। कमेटी ऐसे संविदाकर्मियों को दोबारा नौकरी पर बुलाने के प्रयास कर रही है। सीएम ने ये भी कहा था कि अगर संविदाकर्मियों की मांगें पूरी करने के लिए नियमों में बदलाव की जरूरत पड़े, तो ये प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी और प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाए। लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि नियमित करने की घोषणा जरूर हो जाती थी। लेकिन इन घोषनाओं पर अमल कभी नहीं हुआ। इस बार उम्मीद की किरण नजर आई है। उम्मीद है कि सीएम कमलनाथ के आदेश का पालन होने जा रहा है।

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