नक्सलियों को देसी से नहीं विदेशी शराब से है नफरत, पर्चा में लिखा- महुआ से बनी शराब का होना चाहिए उपयोग

नक्सलियों को देसी से नहीं विदेशी शराब से है नफरत, पर्चा में लिखा- महुआ से बनी शराब का होना चाहिए उपयोग

नक्सलियों को देसी से नहीं विदेशी शराब से है नफरत, पर्चा में लिखा- महुआ से बनी शराब का होना चाहिए उपयोग
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: August 12, 2020 2:14 pm IST

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर हो हल्ला है। इस बीच नक्सलियों ने पत्र लिखकर यह साफ कर दिया है कि वह शराब के खिलाफ नहीं हैं। उन्हें देसी पसंद है। जी हां भोपालपटनम इलाके में नक्सलियों ने फेंके पर्चो में कहा है कि विदेशी शराब दुकानों का बस्तर में विरोध किया जाएगा, जबकि देसी शराबभट्टी लगाने का उन्होंने विरोध नहीं किया है।

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मद्देड और नेशनल पार्क एरिया कमेटी ने एक संयुक्त पर्चा बीजापुर इलाके में फेंका है। इसमें नक्सलियों ने बस्तर में महुआ से बनने वाली देसी शराब का समर्थन करते हुए कहा है कि पारंपरिक तौर पर शादी और अन्य त्योहारों में केवल महुए की शराब का ही उपयोग होना चाहिए और विदेशी शराब का बहिष्कार होना चाहिए।

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पत्र में गांव में शराब कोचियों का भी जिक्र है। लिखा कि ये कोचिए गांव तक विदेशी शराब बेचते हैं। इस चेतावनी देते हुए ​कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति गांव में बाहरी शराब बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। कुछ लोगों के नाम का भी पर्चे में जिक्र है।

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