NSUI ने पूर्व मंत्री के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत, अजय चंद्राकर को बताया मानसिक रोगी, इलाज का खर्च उठाने तैयार

NSUI ने पूर्व मंत्री के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत, अजय चंद्राकर को बताया मानसिक रोगी, इलाज का खर्च उठाने तैयार

NSUI ने पूर्व मंत्री के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत, अजय चंद्राकर को बताया मानसिक रोगी, इलाज का खर्च उठाने तैयार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 pm IST
Published Date: June 27, 2020 2:59 am IST

रायपुर। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ NSUI कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने में शिकायत की है।

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NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने बताया कि अजय चंद्राकर ने विवादित ट्वीट कर राजकीय प्रतीक चिन्ह का अपमान किया है।

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NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कहा कि अजय चंद्राकर को मानसिक इलाज कराने की जरूरत है। इसका खर्च NSUI चंदा कर देगी।

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बता दें कि कोरोना संकट के बीच भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के एक विवादित ट्वीट को लेकर प्रदेश में हड़कंप मच गया है। अजय चंद्राकर के ट्वीट को लेकर अलग-अलग नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। सिंहदेव ने कहा है कि अजय चंद्राकर का बयान गैर जिम्मेदाराना है, उन्हें अपने बयान वापस लेना चाहिए।

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इस मामले को लेकर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि अजय चंद्राकर को बात समझ मे नहीं आती है। गो सेवकों की मदद से अजय चंद्राकर के पेट मे दर्द क्यों हो रहा है? वहीं विधायक विकास उपाध्याय ने कहा है कि अजय चंद्राकर के दिमाग़ में गोबर भरा है। अजय चंद्राकर को मानसिक इलाज की जरूरत है। वहीं विकास उपाध्याय ने अपने खर्च में अजय चंद्राकर का इलाज करवाने की बात कही है।

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पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का विवादित ट्वीट पर मंत्री शिव डहरिया ने कहा है कि “जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी”। आपके दिमाग में गोबर भरा है तो छत्तीसगढ़ सरकार इसे खरीद लेगी। हरेली के दिन अपने निकटम सहकारी समिति में संपर्क करें। वहीं मामले को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ता शिकायत दर्ज कराने सिविल लाइन थाने पहुंचे हैं।

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बता दें कि प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर कहा कि ‘छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में “गोबर” के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए’।

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