जीरम की 8वीं बरसी पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय बोले- निर्विवाद नेता थे नंदकुमार पटेल, राहुल गांधी ने चुनाव से पहले ही घोषित कर दिया था सीएम

जीरम की 8वीं बरसी पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय बोले- निर्विवाद नेता थे नंदकुमार पटेल, राहुल गांधी ने चुनाव से पहले ही घोषित कर दिया था सीएम

जीरम की 8वीं बरसी पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय बोले- निर्विवाद नेता थे नंदकुमार पटेल, राहुल गांधी ने चुनाव से पहले ही घोषित कर दिया था सीएम
Modified Date: November 29, 2022 / 08:17 pm IST
Published Date: May 25, 2021 3:36 pm IST

रायपुर: जीरम घाटी की आठवीं बरसी पर छत्‍तीसगढ़ गृह विभाग के संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल की प्रदेश भर में बढ़ती अभूतपूर्व लोकप्रियता से भाजपा चिंतित थी। भाजपा को इस बात का भय था कि नंदकुमार पटेल के नेतृत्व में कहीं 2013 के विधानसभा का चुनाव लड़ा गया, तो भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा। लगातार 10 साल तक सरकार में काबिज रहे भाजपा कतई नहीं चाहती थी, सत्ता से वह बेदखल हो जाये और संयोगवश चुनाव के कुछ महीने पूर्व ही जीरम हत्याकांड हो गया और प्रदेश अध्यक्ष समेत प्रथमपंक्ति के अधिकांश नेता इसमें मारे गए।

Read More: छत्तीसगढ़ में सप्लाई हुई वैक्सीन बदली, पैसा लेने के बाद कंपनी ने वापस मांगी वैक्सीन, स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र सरकार का कु-प्रबंधन बताया

गृह विभाग के संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकुमार पटेल एक ऐसे नेता थे जो सभी को स्वीकार्य थे और उनमें गजब का जज्बा था। उनके वक्तव्य, दिया गया बयान विपक्षी पार्टी के नेताओं को भी अपनी ओर आकर्षित करती थी। पूरे देश में यह पहला उदाहरण था जिन्हें राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक मंचों पर बहुत पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि नंदकुमार पटेल ही प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे।इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नंदकुमार पटेल कितने निर्विवाद व्यक्तित्व के नेता थे।

 ⁠

Read More: 24 मई को प्रदेश में कोरोना जांच का नया रिकॉर्ड, एक दिन में 74,584 सैंपलों की जांच, बीते सप्ताह प्रतिदिन औसत 66,272 सैंपलों की जांच

विकास उपाध्याय आज जीरम घाटी की आठवीं बरसी पर उन्हें याद कर कहा, नंदकुमार पटेल की सक्रियता व लोकप्रियता से डर यदि किसी को था तो वो भाजपा थी। भाजपा को इस बात का डर सता रहा था कि नंदकुमार पटेल के रहते उनकी सरकार किसी भी सूरत में वापसी नहीं कर सकती और 2013 के चुनाव में हुआ भी यही।विकास उपाध्याय ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘माओवादियों के शहरी नेटवर्क’ से मिली हुई है। भाजपा नक्सलियों से मिली भगत कर ही बस्तर से जीतती रही है,जो 15 साल तक सत्ता में बने रहने की एक बड़ी वजह भी थी। इस बात का प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2015 में मुख्यमंत्री रहते रमन सिंह ने, ये कहते हुए बयान दिया था कि ‘नक्सली धरती माता के सपूत हैं’ और उनका मुख्यधारा में ‘बच्चों की तरह’ स्वागत होगा।

Read More: छत्तीसगढ़ के इस जिले में भी दुकानों को सशर्त खोलने की छूट, सुबह 7 से शाम 6 बजे तक खुलेंगी दुकानें

विकास उपाध्याय ने कहा,छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में सबसे ज़्यादा नुक़सान उनकी ही पार्टी और उनके ही नेताओं को उठाना पड़ा है। माओवादियों द्वारा समय-समय पर जो बयान जारी किये जाते रहे हैं उनमें सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधा जाता रहा है।विकास उपाध्याय ने कहा माओवादी कांग्रेस को भाजपा से भी बड़ा दुश्मन इसलिए मानते आये हैं क्योंकि वो पी. चिदंबरम ही थे जिन्होंने गृहमंत्री रहते हुए सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान ‘आपरेशन ग्रीन हंट’ शुरू किया था, तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान से भी ख़फ़ा बताए जाते हैं जिनमें उन्होंने कहा था कि “माओवादी भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा ख़तरा हैं।”

Read More: रद्द होगी CBSE 12th Board Exams 2021? 300 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट को लिखकर की ये मांग


लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"