उपचुनावों में सिंधिया का दिखा दमखम, बीजेपी में शामिल हुए ज्यादतर मंत्रियों ने दर्ज की बड़ी जीत, कांग्रेस का बिकाऊ वर्सेस टिकाऊ मुद्दा हुआ फुस्स

उपचुनावों में सिंधिया का दिखा दमखम, बीजेपी में शामिल हुए ज्यादतर मंत्रियों ने दर्ज की बड़ी जीत, कांग्रेस का बिकाऊ वर्सेस टिकाऊ मुद्दा हुआ फुस्स

  •  
  • Publish Date - November 11, 2020 / 03:43 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

भोपाल । मध्यप्रदेश के उपचुनाव में बीजेपी ने 19 और कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है,  जिसमें ये साफ हो गया है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार का राज कायम रहेगा। उपचुनाव में बड़ी जीत के बाद BJP में जश्न का माहौल है।  BJP नेता इस जीत का श्रेय अपने कार्यकर्ताओं और सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को दे रही है। इसके साथ ही सत्ता में वापसी की कांग्रेस की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है… कांग्रेस ने अपनी हार स्वीकार की है, लेकिन एक बार फिर प्रशासन की भूमिका और EVM सवाल भी खड़े किए हैं।

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित मरीजों को मिल रही स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाओं में …

MP में बीजेपी की हैप्पी दीवाली हो गई है। भोपाल के बीजेपी दफ्तर से लेकर ग्वालियर-चंबल, मालवा और बुंदेलखंड में BJP जश्न में डूबी नजर आई। उपचुनाव के नतीजों से साफ हो गया कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार कायम रहेगी। CM शिवराज सिंह से लेकर बीजेपी के तमाम बड़े इस जीत का श्रेय कार्यकर्ताओं की मेहनत को दे रहे हैं।

उपचुनाव में 14 मंत्री मैदान में थे, इनमें ज्यादातर ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग, महेन्द्र सिंह सिसोदिया और बिसाहूलाल सिंह ने 2018 के चुनाव के मुकाबले उपचुनाव में ज्यादा वोटों से जीते हैं।

ये भी पढ़ें- LIVE: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी के सभी विजयी उम्मीदवारों को द…

इधर कांग्रेस अपने पक्ष में नतीजों को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थी, लेकिन जैसे जैसे दिन चढ़ता गया, कांग्रेस की सत्ता वापसी की आस टूटती गई। कांग्रेस ने अपनी हार जरूर स्वीकारी है, लेकिन प्रशासन की भूमिका और EVM पर सवाल भी उठाए हैं।

ये भी पढ़ें- CM शिवराज सिंह ने कहा- आज मध्यप्रदेश और बिहार में बीजेपी को मिली मह…

मध्यप्रदेश में उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी के सत्ता पलट पर मुहर लगाई। कांग्रेस के बिकाऊ वर्सेस टिकाऊ के मुद्दे को खारिज कर दिया। शिवराज के चेहरे पर फिर भरोसा जताया, साथ ही सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के फैसले को भी सही साबित किया है। कुछ एक मंत्रियों को छोड़ दिए जाए, तो उपचुनाव के नतीजों में सिंधिया का दमखम नजर आया।